अर्थव्यवस्था को गति देने और रोजगार सृजन के लिए आवश्यक कदम उठाने में साहस का अभाव दिखा- हरि मोहन मिश्रा
रांची। हरिमोहन मिश्रा ने कहा है कि केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा लोकसभा में वर्ष 2021-22 के लिए पेश आम बजट में अर्थव्यवस्था को गति देने, बैंकों के पुनर्पूंजीकरण, सूक्ष्य एवं लघु उद्योग को पर्याप्त मदद उपलब्ध कराने और रोजगार सृजन के लिए आवश्यक कारगर कदम उठाने में साहस का अभाव दिखा है।
ने कहा कि बजट में मनरेगा को बढ़ावा देने को लेकर कोई बात नहीं की गयी। जबकि एक ओर केंद्र सरकार की ओर से अर्थव्यवस्था में तेजी का दावा कर रही है, वहीं यह हकीकत है कि दिसंबर महीने में मनरेगा में 120 मिलियन जाॅब मिला और जनवरी महीने में 3.5 करोड़ लोग मनरेगा के तहत रोजगार मिलने के लिए आवेदन दे चुके है, यदि रिकवरी रेट तेज होती, तो मनरेगा के तहत जाॅब के लिए इतनी लंबी कतार नहीं लगी।
वहीं कोरोना संक्रमणकाल में अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने के लिए कैपिटल एक्सपेंडिचर को बढ़ावा देने के लिए 20हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है, जो बैंकों के पुनर्पूंजीकरण के लिए प्र्याप्त नहीं है। केंद्र सरकार की ओर से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग के लिए 1500 करोड़ रुपये का प्रावधान लोन के लिए किया गया है, लेकिन कोरोना काल में भी यह देखा गया कि 3 लाख करोड़ रुपये तक का लोन देने की गारंटी की व्यवस्था सरकार की ओर से की गयी, परंतु पहले से एमएसएमई पर इतना दबाव है कि वे लोन लेने के लिए तैयार नहीं दिखे। ऐसी स्थिति में यह उम्मीद की जा रही थी कि सूक्ष्म-लघु उद्योग को लोन नहीं, बल्कि शेयर और इक्विटी के माध्यम से सहायता उपलब्ध करायी जानी चाहिए थी। उन्होंने बताया कि बैंकों के समक्ष क्रेडिट का संकट है, अभी पूरा एनपीए दिख नहीं रहा है, लेकिन जैसे ही रिपेमेंट पर लगी रोक हटेगी, तो बैंकों की एनपीए की राशि बढ़ जाएगी।
ने बताया कि वर्ष 2021-22 में 11 प्रतिशत की दर से जीडीपी में बढ़ोत्तरी का अनुमान लगाया गया है, लेकिन हकीकत यह है कि यह दो वर्ष के पहले के रियल जीडीपी के बराबर होगा। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय के अनुसार वर्ष 2019-10 में रियल जीडीपी 145लाख करोड़ था, जो इस वर्ष माइनस 7.1 ग्रोथ रेट के कारण घटकर 134 लाख करोड़ का हो गया, अगले वर्ष यह 11 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा भी तो मार्च 2022 में रियल जीडीपी 149 करोड़ का होगा, जो वर्ष 2019-20 के रियल जीडीपी 145 करोड़ से मात्र 4 लाख करोड़ अधिक होगा, अर्थात मात्र 1 प्रतिशत का ही रियल जीडीपी ग्रोथ होगा।