भाजपा में लॉलीपॉप बना जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र,
क्या करेंगे देवेंद्र ,अभय, नीरज, विनोद?
सरकारी सेवा पूरी कर धक्कम- धुक्की करने पहुंचे विजय ,राजीव
शशि भूषण पांडे
यूं तो झारखंड विधानसभा चुनाव में करीब साल भर से कुछ ज्यादा का समय बाकी है लेकिन भाजपा में अभी से चुनाव लड़ने वाले दावेदार रेस हो गए हैं .सबसे दिलचस्प नजारा जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र का है जहां स्थानीय नेता से लेकर बाहरी लोग भी टिकट पाने के लिए सक्रिय हैं .अभी हाल ही में कोल्हान के पूर्व आयुक्त विजय कुमार सिंह, पूर्व डीआईजी राजीव रंजन सिंह ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर यहां की जनता की सेवा के लिए हाजिरी देनी शुरू कर दी है .इन दोनों पूर्व अधिकारियों को भाजपा के एक दो बड़े नेताओं का सहयोग भी निश्चित रूप से मिल ही रहा होगा अब ये दोनों पूर्व अधिकारी रिटायरमेंट के बाद अपना समय पश्चिम क्षेत्र की जनता की सेवा में ही क्यों व्यतीत करना चाहते हैं?
दरअसल यहां से सरयू राय के भाजपा से हटने के बाद एक ही जाति के अधिकांश नेता इस सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतना आसान समझ रहे हैं. यहां के हिंदू मुस्लिम ध्रुवीकरण को वह जीत का आसान फार्मूला समझते हैं
अभी हाल में ही रामनवमी के समय संयोग से इस तरह की घटना हुई थी लेकिन वह नहीं समझ पा रहे हैं कि विपक्ष के जिस प्रत्याशी से उनका मुकाबला होना है उसकी जीत का फार्मूला भी इतना कमजोर नहीं है कि सरकारी सेवा से निवृत्त होकर उसे आसानी से पराजित कर दें.
बहरहाल विजय कुमार सिंह और राजीव रंजन सिंह सेवा के नाम पर बस्तियों का दौरा ,प्रेस कॉन्फ्रेंस कर फोटो वोटो खिंचवा रहे हैं मीडिया के जरिए अपनी उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं यहां से चुनाव जीतने वाले मंत्री बना गुप्ता पर आरोप बगैरह भी लगा रहे हैं
अब जरा यहां पर भाजपा के हालात को भी समझा जाए
वर्तमान समय में स्थानीय भाजपा नेता भी टिकट हासिल करने के लिए क्षेत्र में काफी सक्रिय हैं पिछले चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रहे देवेंद्र सिंह चुनाव हारने के बाद से ही क्षेत्र में काफी सक्रिय हैं पिछले 4 वर्षों से क्षेत्र की समस्याओं को न सिर्फ उठाते रहे हैं बल्कि लोगों से मिलना जुलना भी जारी रखे हुए हैं उधर अभय सिंह भी यहां से प्रबल दावेदार हैं शास्त्री नगर में हुई घटना में वे जेल में बंद है समय-समय पर यहां के कुछ अन्य मुद्दे पर भी वे मुखर रहे हैं अभय सिंह इस सीट पर काफी पहले से दावेदारी जताते रहे हैं
एक का अन्य दावेदार विनोद सिंह है वह भी क्षेत्र में अपनी उपस्थिति जताते रहे हैं और टिकट के लिए हाथ पाव मारते रहे हैं एक अन्य दावेदार नीरज सिंह भी काफी सक्रिय हैं वे तो अपनी दावेदारी मजबूत करने के लिए पूरे क्षेत्र में सेवा रथ लेकर घूम रहे हैं और लोगों की मदद भी कर रहे हैं वैसे भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष रामबाबू तिवारी व किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजकुमार सिंह भी दावेदार हैं परंतु उनकी सक्रियता क्षेत्र में कम है.
दूसरी और भाजमो के विधायक सरयू राय भी भाजपा में फिर से आने के लिए जुगाड़ लगा रहे हैं लेकिन किन्हीं कारणों से मामला सेट नहीं हो पा रहा है संयोग बस यदि वे भाजपा में आ जाते हैं
तो ज्यादा संभावना है कि पार्टी उन्हें जमशेदपुर पश्चिम से चुनाव लड़ना पसंद करेगी हालांकि अभी इसे अटकल बाजी ही कहा जाएगा ऐसे में यदि राज्य के दो पूर्व अधिकारियों में से किसी एक को भाजपा टिकट देती है तो जीवन भर पार्टी का झंडा ढोने वाले देवेंद्र ,अभय ,विनोद ,नीरज आदि का क्या होगा?
क्या ये पूरे मन से भाजपा के लिए काम करेंगे? यदि ये काम करेंगे भी तो पार्टी के कार्यकर्ता पूर्व अधिकारियों के लिए कितना समर्पण दिखाएंगे यह भी एक सवाल है