राष्ट्र संवाद संवाददाता
जमशेदपुर : जमशेदपुर प्रखंड अंतर्गत विभिन्न पंचायत को नगर पंचायत बनाने के विरोध में जमशेदपुर मुखिया संघ और करनडीह ग्राम सभा के प्रधान ने प्रखंड विकास पदाधिकारी को मुख्यमंत्री का नाम ज्ञापन सोपा गया जिसमें कई पंचायत के मुखिया, पंचायत समिति सदस्य समेत ग्रामीण उपस्थित थे वही जमशेदपुर मुखिया संघ के अध्यक्ष पलटन मुर्मू का कहना है कि झारखंड राज्य के अनुसूचित क्षेत्र में रहने वाले आदिवासी एवं मूलवासी समुदायों की सामाजिक, सांस्कृतिक एवं पारंपरिक व्यवस्थाओं की रक्षा हेतु भारत सरकार द्वारा संविधान की पॉचवीं अनुसूची के अंतर्गत पंचायत (अनुसूचित क्षेत्र विस्तार) अधिनियम 1996 (PESA ACT)” लागु किया गया है। जिसमे PESA Act का मुख्य उद्देश्य यह है कि ग्राम सभा की सर्वोच्च अधिकार देकर ग्राम स्तर पर जनजातीय समाज की पारंपरिक व्यवस्था, संसाधनों पर नियंत्रण और आत्मनिर्णय की सुदृढ़ किया जा सके। हाल के वर्षों में झारखंड सरकार द्वारा कई अनुसूचित क्षेत्र की ऊपर उल्लेखित ग्राम पंचायत को समाप्त कर उन्हें नगर पंचायत अथवा नगर परिषद में परिवर्तन / शामिल करनें की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है, जो PESA Act की मूल भावना के विरुद्ध है,वही ग्राम प्रधान सालखु सोरेन ने कहा नगर पंचायत की व्यवस्था में ग्राम सभा की भूमिका समाप्त हो जाती है और उसे आदिवासी समुदायों के पारंपरिक अधिकारों, जल-जंगल – जमीन पर उसके नियंत्रण और उनकी स्वशासन की व्यवस्था (माझी-परगना, मानकी-मुण्डा) एवं सांस्कृतिक विरासत को गंभीर क्षति होगी। यह प्रक्रिया संविधान के अनुच्छेद 243 (M) और PESA कानून के उल्लंघन के समान है। यदि उपरोक्त पंचायतों को नगर निकाय में शामिल या परिवर्तित किया जाता है तो यहाँ के आदिवासियों और मूलवासियों के अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाएगा। वह इस पूरे मामले को लेकर जमशेदपुर प्रखंड विकास पदाधिकारी सुमित प्रकाश ने कहा कि अभी नगर निगम बनाने का सर्वे चल रहा है कौन पंचायत नगर पंचायत में शामिल होऊ सकता इसको ले कर सर्व कर रहे हैं
उन्होंने कहा कि सर्व खत्म होने के बाद पंचायत में जनसुनवाई होगी और जनसुनवाई में जो बातें आएगी उसे सरकार के पास भेजेंगे इन्हीं मामलों को लेकर मुख्य संघ के द्वारा विज्ञापन सोपा गया
और उसके बाद ही पंचायत में पंचायत स्थानीय ग्रामीणों का 7 ग्राम सभा करके निर्णय लिया जाएगा कि कौन पंचायत को नगर निगम बनाना है और किस नहीं बनाना है