जमशेदपुर: कांतिलाल अस्पताल के समीप हिंदू पीठ- श्री सिद्धि विनायक मंदिर की तीन ओर से घेराबंदी किए जाने से हिंदू संगठनों में भारी विरोध है। हिंदू संगठनों से जुड़े पदाधिकारियों ने कहा कि यह टाटा स्टील के प्रबंधन के ईशारे पर कार्रवाई की गई है, जिसे किसी भी रूप बर्दास्त नहीं किया जाएगा। और प्रशासन की मदद से टाटा स्टील द्बारा तीन ओर से दी गई दीवार को आचार संहिता समा’ होने के बाद तोड़ दिया जाएगा। इस घटना से हिंदुओं की भावना को ठेस पहुंची है और धर्मावलंबियों के बीच उपजे आक्रोश से लग रहा है कि चुनाव आचार संहिता समा’ होने के बाद इस मामले को लेकर तुफान उठेगा।
हिन्दूपीठ सिद्धि विनायक मंदिर की घेराबंदी कर परिक्रमा पथ को अवरुद्ध करने एवं मुख्य ध्वजा को मंदिर से अलग करने को लेकर जनआक्रोश, शहर में शांति बनाये रखने हेतु हिन्दूपीठ में हुई सिद्धि विनायक की संध्या आरतीनागरिक संसोधन कानून को लेकर समूचे देश का माहौल बेहद संवेदनशील बना हुआ है। जिसके कारण जहां देश भर में शांति व कानून व्यवस्था कायम रखना बेहद चुनौतीपूर्ण हो रहा है, वही बेहद नाजुक समय में जमशेदपुर की शांति को भंग करने में टाटा स्टील एवं जिला प्रशासन ने कोई कसर नहीं छोड़ी है।गौरतलब है कि मंगलवार को टाटा स्टील को शह देते हुए जिला प्रसासन ने बलप्रयोग करते हुए शहर में हिंदूओं के आस्था केंद्र हिन्दूपीठ स्थित सिद्धि विनायक के मंदिर के इर्द गिर्द घेराबंदी कर दी। मौके पर हिन्दूपीठ के अध्यक्ष अरुण सिंह एवं हिन्दूपीठ के समर्थकों ने इसका विरोध किया, वही उन्होंने सूझ-बुझ दिखलाते हुए मामले को बिगड़ने से भी रोका। लेकिन इस घटना को लेकर शहरवासियों में काफी जनआक्रोश है, लोगों की माने तो हिंदूओं की आस्था से खिलवाड़ का मुद्दा आने वाले समय में काफी तूल पकड़ेगा। वही घटना के पीछे टाटा स्टील व जिला प्रशासन की करवाई के पीछे किसी राजनीतिक साजिश से भी इनकार नहीं किया जा सकता।हिन्दूओं के आस्था से खिलवाड़ करने के मामले की गंभीरता को देखते हुए शहर के समस्त हिन्दूओं के गोलबंद होने की सूचना है। सिद्धि विनायक के मंदिर से सटाकर बाउंडरी वाल बनाना पूजन प्रक्रिया को बाधित करने और मंदिर को अलग-थलग करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। बुधवार को हिन्दूपीठ प्रांगण में आकर शहर में शांति बनाये रखने हेतु सैकड़ो हिन्दू लोगों ने सिद्धि विनायक की संध्या आरती की। मौके पर उपस्थित लोगों ने बताया कि अब सिद्धि विनायक मंदिर की परिक्रमा करना भी मुश्किल है, वही मंदिर के प्रतीक चिन्ह ध्वजा को भी बॉउंड्री बनाकर बांट दिया गया है। समस्त हिन्दू संगठन इसे कंपनी और प्रशासन के द्वारा जनभावना को भड़काने की कोशिश के तौर पर देख रहे है।हिन्दूपीठ के अध्यक्ष अरुण सिंह ने कहा कि “हिन्दूपीठ शहर में शांति और सौहार्द बनाने को हमेशा दृढ़संकल्प है। लेकिन प्रशासन एवम कंपनी के धार्मिक भेदभाव से हिन्दूओं की भावना को ठेस पहुंचाना ठीक नहीं। हिन्दूपीठ के समीप स्थित कर्बला को मदद की जाती है, और हिंदूपीठ की व्यवस्था बाधित की जा रही है। 25 दिसंबर को हिंदूपीठ की स्थापना दिवस के अवसर पर हिन्दू धर्म सम्मेलन का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम में समस्त कोल्हान के हिंदू कार्यकर्ता हिन्दूपीठ में जुटेंगे, उस दिन हिन्दूपीठ व कार्यकर्ता आगे की रणनीति तय करेंगे।
यहां बता दें कि गत मंगलवार को हिंदू पीठ द्बारा यहां बनाए गए श्री सिद्धि विनायक मंदिर की तीन ओर से अतिक्रमित लीज जमीन को प्रशासन ने कब्जामुक्त कराकर जुस्को को सौंप दिया था। उधर, जुस्को की तरफ से तत्काल अतिक्रमण मुक्त जमीन की घेराबंदी करा दी गई थी। मंगलवार सुबह आठ बजे से एसडीओ चंदन कुमार, दो दंडाधिकारी बिष्टुपुर राजेश प्रकाश सिन्हा के नेतृत्व में एक कंपनी फोर्स ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी थी और दर्जनों मजदूरों को लगाकर घेराबंदी का काम शुरू कराया गया। जुस्को ने फिलहाल, मंदिर की आधारभूत संरचना को छोड़कर तीन ओर से घेराबंदी कर दी। हिंदू पीठ की दखल वाली खाली लीज जमीन पर जुस्को प्रबंधन ने प्रशासन के सहयोग से अपना कब्जा ले लिया। जुस्को ने सात फीट तक की दीवार बनाकर घेराबंदी की। जुस्को और प्रशासन की इस कार्रवाई से हिंदू पीठ के पदाधिकारियों में रोष व्या’ हो गया और उन्होंने इस कार्रवाई पर आपत्ति जताई। हिंदू पीठ के अध्यक्ष अरूण सिंह ने कहा जुस्को द्बारा जो चारदीवारी की गई है, उसे आचार संहिता हटने के बाद तोड़ दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जुस्को और प्रशासन द्बारा आचार संहिता होने के बाद भी जो कार्रवाई की गई है, वह किसी भी रूप से जायज नहीं है। इससे हिंदूओं की भावना को ठेस पहुंची है। उन्होंने कहा कि बगल में कर्बला है, उस संबंध में प्रशासन की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, जो अपने-आप में दर्शाता है कि उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाई जा रही है। इस पूरे प्रकरण में केंद्रीय शांति समिति के अध्यक्ष राम बाबू सिंह की भूमिका पर भी सवाल उठता है। उनका हिंदू पीठ की स्थापना में बड़ा योगदान रहा है, लेकिन इस सबके बावजूद वह इस प्रकरण में प्रशासन का साथ दे रहे हैं यह समझ से परे है। अभी राज्य में चुनाव आचार संहिता है, ऐसे में इस मामले में बड़ा विरोध सामने नहीं आया है, लेकिन आचार संहिता समा’ होने के बाद विरोध बढ़ेगा, इसमें कोई शक नहीं है, लिहाजा, प्रशासन को इसके लिए तैयार रहना चाहिए। अगर, विरोध बड़ा और उग्र होता है तो इसके लिए निश्चित ही प्रशासन जिम्मेदार होगा, क्योंकि उसे इस प्रकरण में एकतरफा कार्रवाई करने के बजाय दोनों पक्षों को विश्वास में लेना चाहिए था, तभी इसका शांतिपूर्ण समाधान हो सकता था।