*बाल विकास पदाधिकारी द्वारा सोनारी के तीन बाल विकास केंद्रो का किया गया औचक निरीक्षण, पाई अनेक खामियां*
*सोनारी के बाल विकास केंद्र में नशीले पदार्थ भी पाए गए*
*जांच करने पर सेविकाओं द्वारा अधिकारी को दी जा रही है अनेकों धमकियां*
*पंजीयन खाते में फर्जी बच्चों का भी नाम है जुड़ा*
राष्ट्र संवाद संवाददाता
अमन ओझा
बाल विकास परियोजना पदाधिकारी दुर्गेश नंदिनी द्वारा बाल विकास केंद्र सोनारी के माझीकुली, बिरसा बस्ती एवं सिद्धू कान्हू बस्ती का स्थानीय द्वारा किए गए शिकायत के आधार पर औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान श्री नंदिनी द्वारा पाया गया कि माझीकुली स्थित सोनारी की सेविका उषा देवी द्वारा हर माह केंद्र पर मात्र तीन दिन ही आया जाता है और 5-6 बच्चे ही मात्र केंद्र में आते जाते हैं। बिरसा बस्ती सोनारी की सेविका शंकरी सोरेन द्वारा केंद्र में मात्र 19 से 20 बच्चे ही आते हैं और पंजीयन खाते में 35 बच्चों का 100% फर्जी तरीके से उपस्थिती बताया गया है जो की नियम के विरुद्ध है। केंद्र संचालन में भी घोर लापरवाही बरती जा रही है। सिद्धू कान्हू बस्ती सोनारी की सेविका संगीता सरकार द्वारा केंद्र संचालन में घोर लापरवाही बरती जाती है एवं केंद्र में नशा संबंधी सामग्री रखकर खरीद बिक्री का कारोबार भी धड़ल्ले से किया जाता है।
दुर्गेश नंदनी द्वारा सोनारी के तीन केंद्रों में औचक निरीक्षण करने के पश्चात यह तमाम खामियां नजर आई जिस पर उन्होंने सोनारी बाल विकास परियोजना केंद्र के तीनों सेविकाओं से 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण मांगी गई । खाता में अधोहस्ताक्षरी द्वारा केंद्र निरीक्षण करने के दौरान सच्चाई भी सामने आई है। हस्ताक्षर करने वाले व्यक्ति की लापरवाही यह खाते में साफ नजर आ रही है। जिससे यह प्रतीत होता है कि हस्ताक्षर करने वाले व्यक्ति अधिकारी के कोई भी आदेश का अनुपालन नहीं करना चाहते ना ही निरीक्षण जांच करवाना चाहते है। वहीं बाल विकास परियोजना पदाधिकारी द्वारा सोनारी के तीन केंद्रो के जांचोप्रांत तमाम सेविकाओं द्वारा अधिकारी पर ही गलत बयान मढ़े जा रहे है,
जो कि सरासर गलत है। बताते चलें उपरोक्त दिए गए तीनों केंद्र की सेविकाओं द्वारा असामाजिक व्यक्तियों के माध्यम से अधिकारी को आए दिन फोन कॉल के माध्यम से धमकियां भी दिलाई जा रही है एवं अधिकारी से जांच करने का उद्देश्य भी पूछा जा रहा है। बाल विकास परियोजना पदाधिकारी दुर्गेश नंदिनी द्वारा यह तमाम मुद्दों से जिला के उपायुक्त को भी अवगत करा दिया गया है एवं उचित न्याय करने की मांग की गई है।
बाहरहाल अनेक सेविकाओं ने उपायुक्त को आवेदन देकर बताया है कि पदाधिकारी द्वारा कोई डिमांड नहीं किया जाता है अब देखना है कि मामले में राजनीति होती है या फिर अनियमितता बरतने वाले सेविकाओं पर कार्रवाई होती है