विश्व मगही परिषद् द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय मगही चौपाल-231 भव्यता और सफलता के साथ संपन्न
मिथिलेश और जयप्रकाश मगही के कालजयी साहित्यकार – प्रो. शिवेंद्र
विश्व मगही परिषद् द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय मगही चौपाल-231 भव्यता और सफलता के साथ संपन्न हुआ। यह ऐतिहासिक आयोजन 05 जनवरी 2025 को देर रात तक आयोजित किया गया। कार्यक्रम ने मगही साहित्य, संस्कृति, और कला के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छुआ।
इस प्रतिष्ठित समारोह में मगही भाषा और साहित्य के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के लिए प्रमुख साहित्यकारों को सम्मानित किया गया:
श्री मिथिलेश जी ‘मगधेश’: नवादा, बिहार से सुप्रसिद्ध साहित्यकार और मगही पत्रिका ‘सारथी’ के प्रधान संपादक को उनकी साहित्यिक सेवा के लिए ‘मगही-रत्न-सम्मान’ प्रदान किया गया।
श्री जय प्रकाश जी: नवादा, बिहार के प्रतिष्ठित गीतकार और मगही गीत सम्राट को उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए ‘मगही-रत्न-सम्मान’ से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मगही संगीत और कविता पाठ के माध्यम से मगध की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन किया गया। यह प्रदर्शन मगही साहित्य और कला को नई पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक बना गया। कार्यक्रम के दौरान प्रमुख साहित्यकारों और कवियों ने अपने अनुभव साझा किए, जिससे युवा साहित्य प्रेमियों और उपस्थित अतिथियों को प्रोत्साहन मिला। नवादा जिले से समाजसेवी सह साहित्यकार ललित किशोर शर्मा , नीता सिंह पुतुल ,, प्रवीण कुमार पंकज ,प्रमोद कुमार सजल , शेखपुरा से गोपाल जी ,ममता कुमारी , बंदना कुमारी चुनचुनपंदेय , दिल्ली से समाजसेवी श्रीमती रंजना कुमारी , इंजीनियर साहब कुमार यादव ,दरभंगा से डॉ स्वाति चौधरी ,
भागलपुर से साहित्यकार, कवि और गीतकार राजकुमार, लखीसराय से डॉ. राजेंद्र राज , गया से साहित्यकार कुमार कांत , नालंदा से श्री रंजीत दुधु ,अरवल से महेन्द्र प्रसाद देहाती , कुमुदकान्त,धनबाद से डॉ. सत्यनारायण प्रसाद टंडन सहित अन्य राज्यों से भी मगही प्रेमी शामिल हुए।
अंतर्राष्ट्रीय मगही चौपाल के २३१वें भव्य आयोजन को संबोधित करते हुए मगही तथा हिंदी के जाने माने साहित्यकार और गीतकार ( डा ) शिवेंद्र नारायण सिंह ने कहा कि मगही रत्न से सम्मानित होने वाले साहित्यकार मिथिलेश जी मगधेश और मगध गीत सम्राट जयप्रकाश मगही के कालजयी साहित्यकार हैं। प्रोफेसर सिंह ने दोनों के मगही रचना संसार पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए उनकी रचनाओं का उद्धरण भी प्रस्तुत किया।
लालमणि विक्रांत ने कहा की इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य मगही भाषा और साहित्य को वैश्विक मंच पर स्थापित करना था। परिषद् ने यह सुनिश्चित किया कि युवा पीढ़ी मगही साहित्य और संस्कृति के महत्व को समझे और इसे सहेजने के लिए प्रेरित हो।
विश्व मगही परिषद् के अंतरराष्ट्रीय महासचिव, प्रोफेसर डॉ. नागेंद्र नारायण ने आयोजन की सफलता पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा अपने सम्बोधन में कहा कि “मगही भाषा और साहित्य हमारी सांस्कृतिक धरोहर का अभिन्न हिस्सा हैं। यह कार्यक्रम हमें अपनी जड़ों को समझने और उन्हें संरक्षित करने का अवसर देता है। सभी साहित्य प्रेमियों और समाजसेवियों को धन्यवाद, जिन्होंने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग दिया।”
उन्होंने कहा कि विश्व मगही परिषद् भविष्य में भी इस प्रकार के सम्मान समारोह का आयोजन करेगा , ताकि मगही भाषा और साहित्य को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जा सके।