विभागीय निर्देश के आलोक में प्रखण्ड मुख्यलय स्थित एटिक सेंटर में गोष्ठी सह खरीफ कार्य कार्यशला का आयोजन किया गया जिसमें प्रखंड कृषि पधाधिकारी, प्रखंड तकनीकी प्रबंधक (BTM), सभी Vlws एवम प्रगतिशील किसान उपस्थित हुए। मुख्यरूप से कल से पंचायत स्तर पर शुरू हो रहे गोष्ठी से संबंधित विषयों पर चर्चा की गई। सुखाड़ को देखते हुए किसानों गोष्ठी में IR_64, सहभागी, वंदना,अंजली इत्यादि कम दिनों में तैयार होने वाले धान के बीजों को लगाने हेतु किसानों को सलाह दी गई। बताया गया कि किसान DSR विधि से वर्तमान परिवेश में धान की खेत करे। जिसमे हल के पीछे बीज गिरा कर या छिड़का व विधि से धान कि खेती करे। छिरकाऊं विधि से धान की खेती में बीज की मात्रा प्रति एकड़ 40 kg लगता है। इस विधि में घास की समस्या आती है जिसके लिए पेंडामिथलिन 400gm प्रति एकर की दर खेतों में किसान भाई छिरकाऊ करे बहुत हद तक खरपतवार की समस्या से निजात मिल जाएगी। किसान भाई बीज डालने से पहले बीजोपचार अवश्य करे। इसके लिए बाजार में उपलब्ध कार्बोंडिसिम 2gm प्रति kg बीज से साफ पानी से धोने के बाद प्रयोग करे। किसान भाईयों को वैकल्पिक खेती जिसमे अरहर (कम दिनों में होने वाला), मक्का कुल्थी इत्यादि फसलों को लगाने की सलाह दी गई। गोष्ठी सह कार्यशाला में BTM सुजीत कु सिंह,BAO मनोरंजन मिर्धा, VLW _ सादानंद महता,चंचल दास,अंजुदेवी,राम किस्कू विभीषण टुडु एवम प्रगतिशील किसान भारत गोराई, सुखदेव लोहार बबलू चोपदार इत्यादि उपस्थित थे।