जादूगोड़ा दुड़कू गांव में वन भूमि पर अवैध निर्माण लगातार जारी
राष्ट्र संवाद संवाददाता
जादूगोड़ा:दुड़कू गांव में वन भूमि पर अवैध निर्माण लगातार जारी है। खाता नंबर 171, प्लॉट नंबर 197, रकबा 22 एकड़ 93 डिसमिल जमीन पर निर्माण पर रोक लगी थी। इस जमीन पर केस दर्ज है। इसके बावजूद निर्माण नहीं रुका। वन विभाग ने कई बार जांच की। जादूगोड़ा थाना में लिखित शिकायत दी गई।
भूमि माफियाओं ने इस जमीन पर करीब 200 प्लॉट काटकर करोड़ों में बेच दिए। वन विभाग की सख्ती के बाद कुछ लोगों ने अपने-अपने प्लॉट बेचने की घोषणा कर दी। जादूगोड़ा के एक खरीदार ने बताया कि वह 1800 स्क्वायर फीट जमीन ₹400 प्रति स्क्वायर फीट की दर से बेचने को तैयार है। उसने कहा कि यह जमीन मेहनत से खरीदी थी। बैंक से लोन भी लिया। अब कार्रवाई के डर से पूरी पूंजी डूबने का खतरा है। इसलिए नुकसान से बचने के लिए जमीन बेचना चाहता है। उसने भूमि माफियाओं पर नाराजगी जताई।
दुड़कू के गोकुलधाम सोसाइटी और रामेंद्र नगर में भी वन भूमि पर कब्जा कर प्लॉट बेचे गए। कई लोगों ने मकान बना लिए। वन विभाग लगातार कार्रवाई कर रहा है। मंगलवार को मानगो रेंज के फॉरेस्टर सुबीर कुमार दंडपात और वन कर्मी रामजीत मुर्मू जांच के लिए पहुंचे। वहां भूमि माफियाओं ने उनके साथ धक्का-मुक्की की। इसकी शिकायत जादूगोड़ा थाना में की गई। रिपोर्ट वरीय अधिकारियों को भेजी गई। अब आगे की कार्रवाई उनके निर्देश पर होगी।
थाना प्रभारी राजेश कुमार मंडल ने बताया कि सरकारी काम में बाधा पहुंचाने की शिकायत मिली है। फोर्स की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि अगली बार कार्रवाई से पहले थाना को सूचित करें, ताकि पेट्रोलिंग गाड़ी भेजी जा सके।
राष्ट्र संवाद में खबर प्रकाशित होने के बाद वन विभाग हरकत में आया। फॉरेस्टर और वनकर्मी मौके पर पहुंचे। वनकर्मी रामजीत मुर्मू ने बताया कि इस जमीन पर केस दर्ज है। कई माफियाओं पर भी मामला दर्ज हुआ है। इसके बावजूद निर्माण जारी है।
वन परिसर पदाधिकारी ने 10 दिसंबर 2022 को घाटशिला के अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के पास जुर्म प्रतिवेदन समर्पित किया था। यह प्रतिवेदन वनरक्षक रामजीत मुर्मू ने 10 नवंबर 2022 को तैयार किया था। गश्ती के दौरान पीएफ क्षेत्र में दर्जनों पेड़ काटे गए थे। जांच में इसकी पुष्टि हुई। इस मामले में शकुंतला भगत, पति स्वर्गीय रामेंद्र नाथ भगत के खिलाफ केस दर्ज हुआ। दो साल बीतने के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई। विभाग ने उच्च अधिकारियों को जानकारी दी है। जल्द कार्रवाई की मांग की गई है।
वन विभाग ने 27 दिसंबर 1952 के दस्तावेजों का हवाला देकर कार्रवाई शुरू की है। विभाग अब त्वरित कार्रवाई में जुटा है। पेड़ काटने और झोपड़ी बनाने के मामलों में लगातार कार्रवाई हो रही है। विभाग की सख्ती के बाद प्लॉट खरीदने वाले बेचैन हैं। कई लोगों ने कहा कि उनका पैसा डूबने को है।
कुलड़िहा पंचायत में भूमि माफिया लगातार सरकारी भूमि, कृषि भूमि, आदिवासी जमीन और वन भूमि पर गिद्ध दृष्टि जमाए हैं