आपने टाइप 1, टाइप 2 डायबिटीज के बारे में तो सुना ही होगा. ये दोनों ही बहुत कॉमन डायबिटीज के प्रकार हैं, जिससे अधिकतर लोग ग्रस्त होते हैं. लेकिन, बहुत कम लोग ही टाइप 3 सी डायबिटीज के बारे में जानते होंगे. हालांकि, इससे भी लोग प्रभावित होते हैं, लेकिन यह समस्या जल्दी पकड़ में नहीं आती है. टाइप 3 सी डायबिटीज, डायबिटीज का ऐसा प्रकार है, जो पैनक्रियाज को नुकसान पहुंचने के कारण हाता है. यह पैनक्रियाज में होने वाली किसी बीमारी के कारण भी हो सकता है. ऐसा तब होता है, जब शरीर में पैनक्रियाज के द्वारा पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बन पाता. वैसे, टाइप 3 सी डायबिटीज कोई मान्यता प्राप्त चिकित्सा स्थिति नहीं है. इसे कभी-कभी तब संदर्भित किया जाता है, जब टाइप 2 मधुमेह का निदान किया गया व्यक्ति अल्जाइमर्स डिजीज से ग्रस्त हो जाता है.
टाइप 3 सी डायबिटीज के लक्षण
टाइप 3 सी डायबिटीज होने पर बिना किसी कारण के वजन कम होना लगता है.
पेट में दर्द रह सकता है.
व्यक्ति सामान्य से अधिक थकान महसूस करने लगता है.
बार-बार गैस पास करने की समस्या हो सकती है.
डायरिया की समस्या परेशान करती है.
फैटी या ऑयली स्टूल होने लगता है.
हाइपोग्लाइसेमिया यानी ब्लड शुगर कम हो जाता है.
टाइप 3 सी डायबिटीज के कारण
क्रोनिक पैनक्रियाटिटिस- 80 प्रतिशत मामलों में क्रोनिक पैनक्रियाटिटिस सबसे मुख्य कारण है टाइप 3 सी डायबिटीज होने का.
एक्यूट पैनक्रियाटिटिस- एक्सोक्राइन पैनक्रियाज में अचानक सूजन आना, एल्कोहल के अधिक सेवन या पथरी की वजह से भी हो सकता है.
रिलेप्सिंग पैनक्रियाटिटिस- बार-बार पैनक्रियाटिटिस के एपिसोड्स होना.
टाइप 3 सी डायबिटीज के जोखिम और उपचार
अगर टाइप 2 डायबिटीज होने पर मरीज ठीक से उपचार नहीं करवाता, तो अंग को नुकसान पहुंचने की संभावना बढ़ जाती है. टाइप 3 सी डायबिटीज के उपचार के लिए मरीज को इंसुलिन देना पड़ता है, इसकी बजाय टाइप 2 डायबिटीज़ में शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंस के उपचार के लिए दवाओं का उपयोग किया जाता है. डॉक्टर लाइफस्टाइल, डाइट में बदलाव लाने की सलाह दे सकते हैं.