चंडीगढ़. टीम इंडिया के पूर्व खिलाड़ी युवराज सिंह को हरियाणा के हिसार जिले में जातिसूचक टिप्पणी करने के एक मामले में गिरफ्तार कर लिया गया. हालांकि हाईकोर्ट के आदेश के बाद उन्हें जमानत दे दी गई. इस मामले में रजत कलसन नाम के एक अधिवक्ता ने हिसार के हांसी थाना शहर में शिकायत दर्ज कराई थी. युवराज सिंह ने पिछले साल इंस्टाग्राम लाइव के दौरान साथी खिलाड़ी युज़वेंद्र चहल को लेकर जातिसूचक टिप्पणी की थी, जिस पर पूरे देश में काफी बवाल मचा था.
पिछले साल जब यह मामला सामने आया तो देशभर में हंगामा हो गया. इसके बाद युवराज सिंह ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए खेद व्यक्त किया था. उन्होंने यह भी कहा कि उनकी बात का गलत मतलब निकाला गया था. सोशल मीडिया पर तब यह मामला कई दिनों तक ट्रेंडिंग में रहा था. युवराज सिंह ने टीम इंडिया के लिए 304 वनडे, 58 टी20 इंटरनेशनल और 40 टेस्ट मुकाबले खेले हैं. उन्होंने साल 2011 में एकदिवसीय विश्वकप में टीम इंडिया को जीत दिलाने में भी अहम भूमिका निभाई थी. साल 2019 में उन्होंने क्रिकेट से संन्यास का ऐलान किया था.
शिकायतकर्ता रजत कल्सन ने बताया कि युवराज सिंह को हरियाणा पुलिस ने वीआईपी ट्रीटमेंट दिया और उनके साथ सेल्फी खिंचवाई गईं. जैसा आमतौर पर एक आरोपी के साथ होना चाहिए, उस तरह के व्यवहार से इतर युवराज को गैजेटेड अफसर मेस में जूस पिलाया गया और स्नैक्स खिलाए गए. जानबूझकर इस बात को मीडिया से दूर रखा गया. कल्सन ने पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के युवराज सिंह को अंतरिम जमानत दिए जाने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है.
शिकायतकर्ता एडवोकेट रजत कल्सन के अनुसार अब युवराज सिंह के खिलाफ़ हांसी पुलिस अदालत में चालान पेश करेगी, जिसके बाद युवराज सिंह को विशेष अदालत से नियमित जमानत भी हासिल करनी पड़ेगी. युवराज सिंह को हिसार की अनुसूचित जाति व जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत स्थापित विशेष अदालत में हर तारीख पेशी पर पेश होना होगा और अपराध साबित होने पर 5 साल की सजा भी हो सकती है.