महाराष्ट्र में बड़ा सियासी उलटफेर, डिप्टी CM बने अजित पवार; छगन भुजबल समेत 9 ने ली मंत्रिपद की शपथ
पांव के नीचे जमीन नहीं… सियासत के चाणक्य शरद पवार के साथ ही हो गया खेल!
एक वक्त ऐसा था जब महाराष्ट्र की सियासत में ही नहीं बल्कि केंद्र की राजनीति में भी शरद पवार की पावर का एहसास होता था। आज हुई पवार बिना पावर के नजर आ रहे हैं। पार्टी के साथ ही साथ परिवार में भी बड़ी फूट पड़ गई है। अजित पवार अब महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम हैं और उन्होंने एनसीपी पर भी दावा कर दिया है।
पांव के नीचे जमीन नहीं… सियासत के चाणक्य शरद पवार के साथ ही हो गया खेल!
एक वक्त ऐसा था जब महाराष्ट्र की सियासत में ही नहीं बल्कि केंद्र की राजनीति में भी शरद पवार की पावर का एहसास होता था। आज हुई पवार बिना पावर के नजर आ रहे हैं। पार्टी के साथ ही साथ परिवार में भी बड़ी फूट पड़ गई है। अजित पवार अब महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम हैं और उन्होंने एनसीपी पर भी दावा कर दिया है।
नई दिल्ली: महाराष्ट्र की राजनीति में रविवार एक बार फिर बहुत बड़ा उलटफेर हुआ है। इस बार बड़ी चोट लगी है सियासत के चाणक्य माने जाने वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के चीफ शरद पवार को। अब एनसीपी के चीफ कब तक रहेंगे इसको लेकर भी सवाल हैं। शरद पवार के भतीजे और पार्टी के वरिष्ठ नेता अजित पवार बागी हो गए हैं। अजित पवार शिंदे सरकार में शामिल होते हुए डिप्टी सीएम बन गए।
अजित पवार के साथ कई दूसरे एनसीपी नेताओं ने भी मंत्रीपद की शपथ ली। अजित पवार के साथ पार्टी के कई विधायक और सांसद बताए जा रहे हैं। साथ ही साथ अजित पवार ने पार्टी पर भी दावा ठोक दिया है। महाराष्ट्र में एनसीपी के अंदर ‘महाभारत’ शुरू है और इसमें बड़ी अजीब स्थिति हो गई है 82 साल के शरद पवार की। शरद पवार ने अब तक अपने राजनीतिक दांव पेच से विरोधियों को मात दी थी। महाराष्ट्र हो या दिल्ली… लेकिन उम्र के इस पड़ाव में सियासत का इतना बड़ा खेल उन्हीं के साथ हो जाएगा क्या पता।
ज्यादा दिन नहीं हुए जब एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया। इसी साल मई के पहले हफ्ते की बात है जब शरद पवार ने इस्तीफे का ऐलान कर दिया। साथ ही एक कमेटी के गठन की बात की और उसके लिए यह कहा गया कि कमेटी ही तय करेगी कि नया अध्यक्ष कौन होगा। शरद पवार ने जब यह फैसला किया तो इसका पता पार्टी के बहुत लोगों को नहीं था। शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले,
भतीजे अजित पवार और दो लोगों को इस बारे में पता था। इस्तीफे को लेकर ऐसी खबरें सामने आई कि अजित पवार बगावत कर सकते हैं और बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। शरद पवार को यह बखूबी पता था कि पार्टी में फूट पड़ती है तो शिवसेना वाली हालत हो सकती है। इलेक्शन कमीशन ने राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा भी वापस ले लिया था। इसलिए पवार ने इस्तीफे का दांव चला है। इस बीच पार्टी के नेताओं ने एकसुर में कहा कि नेता आप ही हैं।
इस्तीफा वापस लेने की मांग होती है और वह आखिरकार मान जाते हैं। 2 मई को इस्तीफा और 3 दिन बाद ही 5 मई को इस्तीफा वापस लेने की घोषणा होती है। राजनीति के जानकारों का कहना था कि पार्टी पर पकड़ मजबूत बनाने के लिए यह दांव पवार की ओर से चला गया। हालांकि यह दांव कामयाब नहीं हुआ और दो महीने के अंदर ही पार्टी में फूट पड़ गई।