आठवीं की “छात्रा” ने दिया “बच्चे” को जन्म,जिम्मेवार “कौन”
संवाददाता-विवेक चौबे
गढवा : इनदिनों महिलाओं,युवतियों व बच्चियों के जीवन में खतरा मंडराते दिख रहा है। कहीं दुष्कर्म करके आग के हवाले तो कहीं मौत के घाट उतार दिया जा रहा है तो कहीं मां बनाकर नादान बालिका को छोड़ दिया जा रहा है। अभिभावक अपनी बेटियों को अच्छी शिक्षा हासिल करने के लिए गांव के विद्यालय में न भेजकर आवासीय विद्यालय में भेजते हैं। इसलिए कि गांव में शिक्षा का घोर अभाव है,किंतु बच्चियों का जीवन हर जगह खतरे में ही तो है। प्रायः विद्यालय को मंदिर समझा जाता है,जहां जीवन को मजबूती प्रदान करने की शिक्षा प्रदान की जाती है। वहीं शिक्षा के बदले नाबालिक बच्ची को मां बना दिया जाता है।
खबर है,मझिआंव प्रखंड स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय की। बरडीहा थाना के ओबरा गांव निवासी, उक्त विद्यालय की 14 वर्षीया आठवीं कक्षा की छात्रा कुवांरी मां बन जाती है। खबर जब आग की भांति फैलती है तो शिक्षा विभाग में हड़कंप मचने के साथ-साथ चहुं ओर चर्चा का विषय बन जाता है। खबर के अनुसार छात्रा ने इसी वर्ष 28 जून को मझिआंव रेफरल अस्पताल में एक बच्चे को जन्म दिया है,बच्चा एक एएनएम के पास है।
बारीकी से की गई, जांच
मामला संज्ञान में आने पर चाइल्ड वेलफेयर कमिटी सीडब्ल्यूसी ने इसकी बारीकी से जांच की है। इस मामले को सेक्स रैकेट से भी जोड़कर देखा जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक बच्चे के जैविक पिता की पहचान भी कर ली गई है। इसकी पुष्टि के लिए डीएनए टेस्ट की अनुशंसा करने की तैयारी की जा रही है।
जांच रिपोर्ट में विद्यालय की वार्डन के अलावे डीएसई समेत 19 लोगों को दोषी करार दिया है। इसके अलावा जिस घर में छात्रा व बच्चे के जैविक पिता मिलते थे,उस घर की मालकिन व उसके पिता को भी आरोपी बनाया गया है।
सौंपी गई,रिपोर्ट
सीडब्ल्यूसी ने अपनी रिपोर्ट करवाई के लिए जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड को सौंप दी है। साथ ही आगे की कार्रवाई के लिए सीआईडी के एडीजी, राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग नई दिल्ली आईसीपीएस के निदेशक सह सचिव विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव सहित डीसी व एसपी को पत्र लिखा है।
छात्रा ने चेयरमैन को दिया बयान
छात्रा ने सीडब्ल्यूसी चेयरमैन को बताया कि तत्कालीन वार्डन, शिक्षिका, गार्ड और आवासीय विद्यालय की एएनएम ने उसे 27 जून की रात 12:30 बजे मझिआंव रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया, उसी दिन दोपहर 2:10 बजे उसने सामान्य प्रसव से एक बच्चे को जन्म दिया। प्रसव के बाद जब उसे होश आया तो उससे कहा गया कि वह कुंवारी है, इसलिए यह बच्चा एएनएम को सौंप दे नहीं तो बदनामी झेलनी पड़ेगी।
सीडब्ल्यूसी ने 5 सदस्यीय टीम से कराई,जांच
मामला संज्ञान में आने पर सीडब्ल्यूसी के चेयरमैन- उपेंद्र नाथ दुबे ने 5 सदस्यीय टीम गठित कर जांच कराई।
जांच टीम में थे, ये शामिल
टीम में सुशील कुमार द्विवेदी, विनयपाल, चाइल्ड लाइन की कंचन अमूल्य तिग्गा, पीएलबी उमाशंकर द्विवेदी और जितेंद्र कुमार शामिल थे।
टीम की रिपोर्ट आने के बाद छात्रा व उसकी मां के साथ विद्यालय की चार शिक्षकाओं, दो सुरक्षा प्रहरी, एक होमगार्ड जवान, दो रसोईया व एक महिला ने सरकारी गवाह के रूप में बयान दर्ज कराया है। उन्होंने बताया कि उनकी जानकारी व सहयोग से प्रसव कराया गया है। बरडीहा थाना के एएसआई ने सीडब्लूसी में लाकर सभी का बयान दर्ज कराया गया है।
चेयरमैन ने क्या कहा
सीडब्ल्यूसी चेयरमैन-उपेंद्र नाथ दुबे ने कहा कि पॉक्सो एक्ट का मामला होने के कारण इसे जेजे बोर्ड को भेजा गया है। जो जांच की है,उसकी रिपोर्ट भी बोर्ड को भेज दी गई है।
क्या कहते हैं,डीईओ
इस संबंध में डीईओ- आरके मंडल ने कहा कि यह मामला मेरी जानकारी में नहीं है। लेकिन मामला अति गंभीर व शर्मनाक है, मैं इस मामले को गंभीरता से लेकर कार्रवाई करूंगा।