दयानंद कश्यप की रिपोर्ट
तेघड़ा, बेगूसराय: गर्मी के तीखे होते तेवरों के साथ प्रखंड क्षेत्र में आगजनी घटना लगातार घटित हो रही है। शुक्रवार की दोपहर नगर परिषद तेघड़ा के वार्ड संख्या 10 पैगंबरपुर उत्क्रमित मध्य विद्यालय के बगल में । मवेशी के बथान में अचानक आग लग गया। तेज घुंआं और आग की लपट भीषण होने के कारण उसमें बघे मवेशी बुरी तरह झुलस गए। जिसमें एक भैंस के बच्चे की जलने से मौत हो गई। वही दो गाय और एक भैंस कूल 3 मवेशी झुलस कर पूर्ण रूप से घायल हो गई। आग लगने से पूरे मोहल्ले में अफरा-तफरी का माहौल हो गया। लोग जैसे तैसे दौड़े और अगल बगल के चापाकल व अन्य जल स्रोतों से आग बुझाने में जुट गए। वही लोगों ने अग्निशमन विभाग को इसकी जानकारी दी तब तक अग्निशमन विभाग का दमकल भी पहुंच गया ग्रामीणों और अग्निशमन विभाग के दमकल कर्मियों के करी मशक्कत से आग पर तो काबू पाया गया लेकिन घर में रखे भूसे का भंडारण एवं अनाज सभी जलकर हो गया। जानकारी के अनुसार तेधड़ा थाना अंतर्गत नगर परिषद तेघड़ा के वार्ड संख्या 10 पैगंबरपुर उत्क्रमित मध्य विद्यालय के बगल में संजय राय पिता ललन राय एवं विजय राय पिता ललन राय के मवेशी के बने फुस के घर में दोपहर लगभग 1:30 बजे धुआं एवं आग की लपट उठते देख पड़ोसियों ने शोर मचया मौके पर भारी संख्या में जूटे लोगों और दमकल कर्मी की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया लोगों ने बताया कि तब तक घर में बघे । एक भैंस और उसके बच्चे तथा एक गाय एवं उसके बछड़े पूरी तरह से जल चुके थे। मवेशी पालक संजय राय एवं विजय राय ने अपनी जान पर खेलकर सभी मवेशी को रस्सी काट कर किसी तरह बाहर निकाला लेकिन तब तक भैंस के बच्चे बुरी तरह से जल कर उसका मौत हो चुका था। वही भैंस, गाय और उसके बच्चे जलने से उसकी हालत नाजुक बताया जा रहा है।आग लगी की घटना पर पहुंचे वार्ड पार्षद नसीमा खातून एवं राजेश कुमार टुडेस ने नुकसान का जायजा लिया और पीङित परिवार को हरसंभव सरकारी सहायता दिलवाने की बातें कही। जानकारी के मुताबिक पूरे परिवार का गुजर-बसर मवेशी पालन पर ही निर्भर है। मवेशी के साथ भूसा और अनाज जलकर नष्ट होने की वजह से दोनों भाई के जीविका का साधन समाप्त होने से सभी समस्याएं एक साथ खड़ा हो गया है। आग लगने के कारण का पता नहीं चल पाया । मवेशी पालक संजय राय एवं विजय राय ने बताया कि चारों मवेशी का कीमत लगभग 2 लाख रुपया अनाज एवं भुसा की कीमत भी लगभग डेढ़ लाख रुपैया बताया। एकाएक इतनी बड़ी क्षति से समुदाय के लोग भी चिंतित हें। अब प्रशासन और सरकार पर निर्भर है कि ऐसे उजरे परिवार को कहां तक मदद दिलाया जा सकता है । ताकि नुकसान की भरपाई हो सके।