गडकरी का तोहफा, झारखंड के लिए होगा अहम
देवानंद सिंह
आज यानी 23 मार्च का दिन झारखंड के लिए काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी झारखंड के लिए सौगात की बरसात करने वाले हैं। गडकरी आज 10 हजार करोड़ से अधिक की योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे। निश्चित तौर पर झारखंड के लिए यह बहुत अच्छा है कि राज्य में भी हर तरफ सड़कों की बहुत अच्छी कनेक्टिविटी देखने को मिलेगी। पिछले कुछ सालों में जिस तेजी से एक्सप्रेसवे बने, वैसा पहले कभी नहीं हुआ। इसका श्रेय केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को जाता है। इसका फायदा बीजेपी को यह हो रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गडकरी के बनाए इन हाईवे पर चुनावी एक्सप्रेस दौड़ा रहे हैं और लगातार पार्टी को जीत भी मिल रही है। जिस तरह झारखंड को भी नितिन गडकरी सौगात देने जा रहे हैं, उससे निश्चित ही राज्य में भी बीजेपी उसे भुनाने की कोशिश करेगी।
गडकरी आज शाम 4 बजे रांची के पुराने विधानसभा के समीप आयोजित कार्यक्रम में लगभग 7000 करोड़ की महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सड़क योजना का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे। जिन दो मुख्य परियोजनाओं का शिलान्यास होगा उनमें रांची से बोकारो एक्सप्रेसवे शामिल है। यह एक्सप्रेस वे रायपुर धनबाद एक भारतमाला एक्सप्रेस वे योजना का हिस्सा है, जिसका शिलान्यास नितिन गडकरी करेंगे। इसके अलावा जमशेदपुर में 10 किलोमीटर डबल डेकर सड़क पुल और योजना का भी शिलान्यास होगा, जो जमशेदपुर में बनेगा।
वहीं,
गोमिया- बालूमाथ- चंदवा मार्ग का निर्माण-एनएच-99,लंबाई-38किमी.,लागत-114करोड़,बिरहु-सिमरिया-चतरा मार्ग का निर्माण-एन एच-100, लंम्बाई-48किमी,लागत-48करोड़और पटेल चौक रामगढ में अंडरपास का निर्माण-एन एच-33,
लंबाई-01किमी,लागत-24करोड़ का लोकार्पण करेंगे। इसके अलावा वाराणसी-रांची-इकोनामिक कॉरिडोर के कुरु से उदयपुरा तक फोरलेन सड़क का निर्माण- एनएच 75, लंबाई 39 किलोमीटर, लागत 1423 करोड़, वाराणसी-रांची इकोनामिक कॉरिडोर के खजूरी से विढमगंज तक फोरलेन सड़क का निर्माण- NH-75, लंबाई 41 किलोमीटर, लागत 1232 करोड़, वाराणसी-रांची इकोनामिक कॉरिडोर के उदयपुरा से भोगु तक फोरलेन सड़क का निर्माण- NH-75,लंबाई 50 किलोमीटर, लागत 1437 करोड़, वाराणसी-रांची इकोनामिक कॉरिडोर के भोगू से शंखा तक फोरलेन सड़क का निर्माण- NH-75,लंबाई 49 किलोमीटर, लागत 1391 करोड़, लोहरदगा शहर का बाईपास निर्माण-एनएच- 143A, लंबाई 20 किलोमीटर, लागत 459 करोड़, दुबारी से रोल तक रोड का निर्माण- एमडीआर 99, लंबाई 26 किलोमीटर, लागत 85 करोड़, बनासो से बुडगड्डा मार्ग का निर्माण-एमडीआर-93, लंबाई 28 किलोमीटर, लागत 68 करोड़,
गुमला से कोलेबिरा मार्ग का निर्माण- एनएच-23, लंबाई 47 किलोमीटर, लागत 57 करोड़, रायपुर-धनबाद इकोनामिक कॉरिडोर के बोकारो जैनामोड़ से गोला तक फोरलेन एक्सेस कंट्रोल्ड सड़क का निर्माण- एनएच 320, लंबाई 32 किलोमीटर, लागत 1127 करोड़, रायपुर-धनबाद इकोनामिक कॉरिडोर के गोला-ओरमांझी तक फोरलेन एक्सेस कंट्रोल्ड सड़क का निर्माण- एनएच 320, लंबाई 28 किलोमीटर, लागत 1330करोड़, चतरा शहर का बाईपास निर्माण- NH-22, लंबाई 14 किलोमीटर, लागत 235 करोड़, डाल्टेनगंज से राजहरा के बीच रेल ओवरब्रिज का निर्माण- एलसी नंबर 290/ 27-29 लागत 84 करोड़, मोहम्मदगंज से हैदरनगर वाया पनसा अघोरी रानी देवा रोड का निर्माण- लंबाई 17 किलोमीटर, लागत 62 करोड़, लामटा से गोनिया तक 2 लेन पेब्ड शोल्डर का निर्माण- एनएच 99, लंबाई 18 किलोमीटर, लागत 98 करोड़, कुटीमोड़ चैनपुर से हुटार तक वाया रामगढ़ ब्लॉक हेड क्वार्टर पथ का निर्माण- लंबाई 24 किलोमीटर, लागत 81 करोड़, चैनपुर से महुआडांड़ मार्ग टू लेन सड़क का निर्माण- एमडीआर-36, लंबाई 12 किलोमीटर ,लागत 59 करोड़, देवलटांड़ स्थित भगवान आदित्यनाथ मंदिर को NH-33 से जोड़ने वाले मार्ग का निर्माण के साथ ही गोला-चारु मार्ग पर कामता में रेल ओवरब्रिज के निर्माण कार्य का शिलान्यास करेंगे।
गडकरी की तारीफ यूंही नहीं होती, इसीलिए होती है क्योंकि भारत में सड़कों का निर्माण रिकॉर्ड रफ्तार से हो रही हैं। देश के इतिहास में इससे पहले इतनी तेजी से सड़कों का निर्माण नहीं हुआ था। भारत में सड़कों के निर्माण को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट भी सामने आ चुकी है। इसमें दावा किया गया है कि भारत में 65 साल में जितने नेशनल हाइवे के निर्माण हुए, उससे कही ज्यादा 2025 में बनकर तैयार हो जाएंगे। यह विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ते भारत के उज्ज्वल भविष्य और मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। केंद्रीय परिवहन मंत्रालय रोजाना 38 किलोमीटर सड़क का निर्माण करा रहा है।
अगर ,पिछले आठ वर्षों में देश भर में राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण पर नजर डाले तो पता चलेगा कि देश में सड़क निर्माण की प्रगति पहले से तीन गुना बढा है। 2013-14 में राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई 91,287 किलोमीटर थी, वो 2020-21 में बढ़कर 1,41,345 किलोमीटर पहुंच गई। 2013-14 में प्रति दिन 12 किमी नेशनल हाईवे का निर्माण होता था, वहीं 2020-21 में 38 किमी होने लगा। यूपीए सरकार की तुलना में सड़क निर्माण में तीन गुना बढोतरी हुई है। निश्चित ही, ये उपलब्धियां अभूतपूर्व हैं और दुनिया का कोई भी देश इसका मुकाबला नहीं कर सकता है।