देश में चल रहा धर्मांतरण का खेल, आ रही है बड़ी साजिश की बू…..!
देवानंद सिंह
देश में बड़े स्तर पर धर्मांतरण का खेल जारी है। ऐसा लग रहा है कि इसके पीछे कोई बड़ी साजिश है, इसीलिए देश के हर कोने में इस तरह की साजिशें अपने चरम पर हैं। हाल के समय में जिस तरह राजस्थान में 250 लोगों को धर्मांतरण के लिए मजबूर किया गया, इसी तरह देश के अन्य हिस्सों बिहार, उत्तराखंड, झारखंड, उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण के कई मामले प्रकाश में आ चुके हैं। यह खेल अभी से नहीं बल्कि वर्षों से चल रहा है, जो लगातार बढ़ता ही जा रहा है। उत्तर प्रदेश के बाद आबादी में सबसे बड़े राज्य बिहार में तो ईसाई धर्म को मानने वाले लोगों की संख्या में कई गुना वृद्धि दर्ज की गई है, महज कुछ वर्षों के भीतर, जो अपने-आप में चौंकाने वाला तथ्य है, इसी के मद्देनजर राज्य में हिंदुओं को बहला-फुसलाकर धर्मांतरण करने का मामला कई बार सामने आ चुका है।
कई ऐसे मामले आए, जिसके बाद काफी विरोध भी हुआ, लेकिन उसके बाद भी स्थिति में बहुत अधिक परिवर्तन देखने को नहीं मिल रहा है। लिहाजा, कई राज्यों में धर्मांतरण की घटनाएं और भी आम होती चली जा रही हैं।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के आसपास के ईलाके भी इससे अछूते नहीं हैं। जून महीने में यूपी के गाजियाबाद में धर्मांतरण कराने वाले एक ऐसे रैकेट का पर्दाफाश किया गया था, जिसने सुरक्षा एजेंसियों की भी नींद उड़ा दी थी। हैरानी की बात यह है कि इस रैकेट के निशाने पर खासतौर पर नाबालिग थे। ये लोग गेमिंग की आड़ में उनका ब्रेनवॉश करते थे।
उत्तराखंड के किच्छा में भी इस तरह का मामला प्रकाश में आ चुका है,
जहां प्रलोभन देकर लोगों के धर्मांतरण का प्रयास किया जा रहा था। पुलिस ने इस मामले चार लोगों को तब पकड़ा, जब हिंदू संगठनों से विरोध किया। देश के अन्य राज्यों में झारखंड हो या फिर अन्य राज्य जहां धर्मांतरण की घटनाएं तेजी से पांव पसार रही हैं, लेकिन हैरानी की बात यह है कि इस मामले में पुलिस-प्रशासन के द्वारा कोई सख्त कार्रवाई नहीं की जा रही है। राजनीतिक पार्टियां तो अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक रही हैं, लेकिन देश की तस्वीर जिस तरह से बदल रही है, वह अच्छा संकेत नहीं है,
इस पर गंभीरता से विचार-विमर्श करने की जरूरत है, क्योंकि इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो धर्मांतरण का खेल योजनाबद्ध तरीके से चलता रहेगा, क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में धर्मांतरण के मामले में जिस तरह साजिशों से पर्दा उठा है, उससे यही लगता है कि यह एक बहुत बड़ा खेल है, देश की भोली-भाली जनता को बहला-फुसलाकर, उन्हें झूठे प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराया जा रहा है। विदेशी ताकतें इसको बढ़ावा देने के लिए ऐसे साजिशकर्ताओं का समर्थन कर रहे हैं। भारत विभिन्नताओं से भरा हुआ देश है,
लेकिन इस समय जिस तरह सामाजिक तानाबाना तोड़ने का प्रयास चल रहा है, उससे लोगों के बीच द्धेष की भावना बढ़ रही है। इसमें कोई शक नहीं है कि ऐसी घटनाओं को बढ़ावा देने में राजनीतिक पार्टियों का हाथ होता है, क्योंकि उन्हें वोट की आवश्यकता होती है और लोग भी आसानी से उनके प्रलोभन में आ जाते हैं। लिहाजा, ऐसी साजिशों का पर्दाफाश होते रहना चाहिए, जो साजिश के तहत धर्मांतरण जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।
भले ही राजनीतिक पार्टियों हों या फिर किसी जाति और धर्म-समुदाय के लोग इस तरह का प्रयास करें तो उनके प्रयासों को किसी भी स्तर पर सफल नहीं होने देना है। पुलिस-प्रशासन को भी ऐसी घटनाओं पर गंभीरता से नजर रखने की जरूरत है। अगर, पुलिस-प्रशासन सक्रियता के साथ अपना काम करेगा, तो निश्चिततौर पर ऐसी घटनाओं पर लगाम लगेगी। जो इस तरह की साजिशों में शामिल हैं, उनके खिलाफ भी सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, जिससे कोई दोबारा ऐसी घटनाओं को अंजाम देने की हिम्मत न कर सके।