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    Home » संसाधन लूटने वाली सरकार जजिया कर थोप रही है लोगों पर : रघुवर दास
    Breaking News Headlines झारखंड राजनीति

    संसाधन लूटने वाली सरकार जजिया कर थोप रही है लोगों पर : रघुवर दास

    News DeskBy News DeskMay 15, 2022No Comments2 Mins Read
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    संसाधन लूटने वाली सरकार जजिया कर थोप रही है लोगों पर : रघुवर दास

    झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर झारखंड में विकास कार्य सरकारी संरक्षण में चल रहे भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है। आमतौर पर सरकार के पास पैसे की कमी नहीं होती है, लेकिन झारखंड में स्थिति इसके उलट हो गई है।
    झारखंड में राजस्व का प्रमुख स्रोत खनिज रहे हैं। लेकिन राज्य की हेमंत सरकार कोयला, बालू, पत्थर आदि को खुद लुटवा रही है। इससे जो आमदनी हो रही है वह दलालों के बीच बंट रही है। सरकार खजाना खाली होने का रोना रो रही है और आम लोगों पर टैक्स बढ़ाकर सरकार इसकी भरपाई करने पर तुली हुई है। जैसे मुगलों ने जजिया कर थोपा था, उसी तरह से हेमंत सरकार ने आम लोगों पर पांच गुणा तक कर बढ़ाकर राजस्व प्राप्ति का उपाय निकाला है। 100 यूनिट बिजली फ्री देने के वादे के साथ सत्ता में आयी हेमंत सरकार ने एक यूनिट बिजली भी फ्री नहीं की है, बल्कि 400 यूनिट से ज्यादा बिजली खपत होने पर सबसिडी हटा ली है।
    इसी तरह वाटर चार्ज हमारे समय जहां 6 रुपये प्रति 1000 लीटर था, उसे बढ़ाकर 9.50 रुपये प्रति 1000 लीटर कर दिया। इसी तरह वाटर कनेक्शन पहले 4000 रुपये में मिलता था, उसे 7000 रुपये कर दिया गया है। होल्डिंग टैक्स में भी हेमंत सरकार ने बेतहाशा बढ़ोत्तरी की है। आवासीय परिसर के लिए अब लोगों पर 25 से 35 प्रतिशत तक ज्यादा होल्डिंग टैक्स थोप दिया गया है। कमर्शियल में तो यह बढ़ोत्तरी पांच गुणा तक की गयी है।
    उन्होंने कहा कि पेट्रोल व डीजल के कर में भी राज्य सरकार ने कोई कमी नहीं की है, जबकि केंद्र की मोदी सरकार ने लोगों को राहत देते हुए इनकी कीमतों में कमी की थी। भ्रष्टाचार पर रोक लगाने और छोटे किसानों व्यापारियों को राहत देने के उद्देश्य से हमारी सरकार ने 2% कृषि कर समाप्त कर दिया था। इसे भी हेमंत सरकार ने फिर से लागू कर लोगों की परेशानी बढ़ाने का काम किया है।
    हेमंत सरकार ने लोगों का जीना महंगा कर दिया है और खुद राज्य का मूलभूत स्रोत लूट रही है। जो हालत राज्य में चल रही है उसे देखकर तो यही लगता है कि झारखंड में अब सांस पर कर लगना बाकी है बस।

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