सांसद विद्युत वरण महतो ने लोकसभा में धालभूमगढ़ एअरपोर्ट के मामले को पुनः उठाया
सांसद विद्युत वरण महतो ने लोकसभा में धालभूमगढ़ एअरपोर्ट के मामले को पुनः उठाया एवं कहा कि मेरे लोकसभा क्षेत्र जमशेदपुर में 2019 में तत्कालीन मुख्यमंत्री आदरणीय रघुवर दास जी और तत्कालीन राज्य मंत्री भारत सरकार जयंत सिन्हा जी के द्वारा धालभूमगढ़ एयरपोर्ट का शिलान्यास किया गया था। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा लगभग 100 करोड़ रूपए का भी आवंटन किया गया था लेकिन आज तक टाटा घराना जैसे भारी उद्योग होने के बावजूद और लगभग 2000 स्माॅल स्केल इंडस्ट्री सेक्टर होने के बावजूद आज वहां पर एयरपोर्ट का काम शुरू नहीं हो सका। जबकि इससे तीन स्टेट पश्चिम बंगाल, उड़िसा एवं झारखण्ड को लाभ मिलेगा ।झारखण्ड के जमशेदपुर और पश्चिम बंगाल के खड़गपुर और उड़िसा के बालेश्वर तीनों स्टेट का इंडस्ट्रीयल बेल्ट जो है उसके लगभग करीब में यह एअरपोर्ट पड़ता है। आज वहां पर सेन्ट्रल माईन्स होने के बावजूद एयरपोर्ट का काम अब तक शुरू नहीं हुआ। सांसद श्री महतो ने कहा आपके माध्यम से माननीय मंत्री से आग्रह करना चाहते है कि राज्य सरकार से संवाद स्थापित कर यथाशीघ्र जमशेदपुर एयरपोर्ट का काम शुरू किया जाए।
(क) पहचान योजना का आरंभ 2016 में कारीगरों को एक नई वैश्विक पहचान प्रदान करके भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के लाभ सीधे उनके खातों में पहुंचाने की सुविधा प्रदान करने के लिए किया गया था वस्त्र मंत्रालय तथा संबंधित राज्य सरकार एजेंसियों के फील्ड पदाधिकारियों द्वारा उचित सत्यापन के उपरांत आधार लिंक्ड पहचान कार्ड जारी किए जाते हैं केवल पहचान कार्ड धारक ही विकास आयुक्त ( हस्तशिल्प) कार्यालय द्वारा कार्यान्वित सभी योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकते हैं
(ख) 31-10-2021 तक देशभर में 27. 80 लाख हस्तशिल्प कारीगरों को पंजीकृत किया गया है। हात्शिल्प कारीगरों के राज्य-वार आंकड़े अनुबंध-I पर संलग्न है।
(ग) से (ङ्ग): जी हां महोदय विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) कार्यालय हस्तशिल्प कारीगरों के कल्याण एवं संवर्धन के लिए विभिन्न योजनाएं कार्यान्वित करता है पहचान के अंतर्गत कारीगरी विभिन्न विपणन कार्यक्रमों कौशल उन्नयन प्रशिक्षण डिजाइन कार्यशालाओं आदि में भाग लेकर इन योजनाओं राष्ट्रीय हस्तशिल्प विकास कार्यक्रम (एन एच डी पी) तथा वृहत हस्तशिल्प कलस्टर विकास योजना (सी एच सी डी एस ) का लाभ प्राप्त कर सकते हैं कारीगरों को कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए पारिश्रमिक के मुआवजे के साथ भत्ता/दैनिक भत्ता भी प्रदान किया जाता है एनएसडीपी की कारीगरों को प्रत्यक्ष लाभ योजना में ब्याज अनुदान एवं मार्जिन मनी घटक के अंतर्गत प्रति कारीगर 3 वर्षों की अवधि के लिए 1 लाख रुपये की अधिकतम राशि पर 6% की दर से ब्याज अनुदान तथा ₹20000 की अधिकतम ऋण राशि पर 20% की दर से मार्जिन मनी भी प्रदान किया जाता है इसके अतिरिक्त 1 लाख रुपये से कम वार्षिक आय प्राप्त करने वाले तथा 60 वर्ष से अधिक आयु के पुरस्कृत कारीगरों को ₹5000 की मासिक पेंशन प्रदान की जाती है वर्ष 2018-19 से 2020-21 तक और चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में अक्टूबर 2021 तक की अवधि के दौरान हस्तशिल्प की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लाभान्वित कारीगरों की राज्यवार संख्या अनुबंध- II पर है
पहचान योजना
सांसद बिद्युत बरन महतो ने आज लोकसभा में हस्तशिल्पी मजदूरों के पहचान योजना के संबंध में प्रश्न करते हुए कहा कि
क्या वस्त्र मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि:
(क) देशभर में हस्तशिल्प कारीगरों का पंजीकरण करने के लिए वर्ष 2016 में आरंभ की गई पहचान योजना के लक्ष्य एवं उद्देश्य क्या है।
(ख) उक्त योजना के अंतर्गत अब तक पंजीकृत कारीगरों की राज्य वार संख्या कितनी है।
(ग) क्या उक्त योजना के अंतर्गत पंजीकृत इन हस्तशिल्प कारीगरों को वित्तीय लाभ /सहायता प्रदान करने हेतु कोई प्रावधान है।
(घ) यदि हां तो तत्सम्बन्धी ब्यौरा क्या है तथा अब तक लाभान्वित कारीगरों की संख्या कितनी है और
(ङ्ग) सरकार द्वारा देश में कारीगरों के व्यक्ति स्थिति को सुधारने के लिए उठाए गए/ उठाए जा रहे हैं अन्य कदमों का ब्यौरा क्या है?
इस तारांकित प्रश्न का लिखित जवाब लोकसभा के पटल पर रखा गया।
जवाब में कहा गया कि