*चेतावनी:-*
*जो तटस्थ है समय लिखेगा उनके भी अपराध*
✍️देवानंद
कोरोना महामारी के प्रकोप से निपटने की चुनौतियां लगातार बढ़ रही हैं हर दिन संक्रमण और संक्रमण से होने वाली मौतों के आंकड़े नई ऊंचाई छू रहे हैं।
जिन्हें हम लोग भगवान का दर्जा दे चुके हैं डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मी ,पुलिसकर्मी, सफाईकर्मी जिला प्रशासन व पत्रकार इस महामारी में अपनी अपनी सहभागिता निभा रहे हैं परंतु बड़े अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि जमशेदपुर के लोग अभी भी कोरोना को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं जिसका परिणाम है हर दिन नए मरीजों की संख्या बढ़ रही है झारखंड सरकार ,आला अधिकारी सभी चिंतित नजर आ रहे हैं केंद्रीय टीम जमशेदपुर का दौरा कर चुकी है उपायुक्त सिविल सर्जन डॉक्टरों की टीम दिन रात महामारी पर काबू पाने के लिए प्लान बना रहे हैं ऐसे में जमशेदपुर की सड़कों पर आप घूम कर देख सकते हैं कि हम अपनी जवाबदेही कितनी शिद्दत से कर रहे हैं वह समय दूर नहीं जब डॉ, स्वास्थ्य कर्मी, पुलिसकर्मी, पत्रकार सभी इसके चपेट में होंगे समय रहते सचेत होने की जरूरत है हमें सरकारी नियमों का पालन करने का संकल्प लेना होगा
आज जब मैंने कुछ डॉक्टरों से मिलकर इस महामारी से निजात की बात की तो उन्होंने नाम नहीं छापने की शर्त पर निराशा के साथ अपनी व्यथा को व्यक्त करते हुए कहा की डॉक्टर स्वास्थ्य कर्मी पुलिसकर्मी सफाई कर्मी और जिला प्रशासन काम कर रहे हैं आप भी खबर पहुंचा रहे हैं पर सड़क पर निकल कर देखिए जो चाय दुकान ठेले की दुकान पर जो जमाबड़ा लग रहा है यह उचित है अगर हम सचेत नहीं होंगे तो मैं दावे के साथ कह सकता हूं एक दिन वह आएगा जब मरीज का इलाज करने वाला नहीं रहेगा
आज देश ही नहीं समूची दुनिया पंजों के बल खड़ा कोरोना मुक्ति की प्रतीक्षा कर रहा है। कब होगा वह सूर्योदय जिस दिन घर के दरवाजों पर कोरोना संक्रमण को रोकने के लिये बंदिशें नहीं लगाने पड़ेंगी? अभी वक्त है चेतावनी है अपनी अपनी जिम्मेदारी और जवाबदेही को समझे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें———
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