तीखे तेवर, निर्भीक पत्रकारिता और राष्ट्र संवाद का पर्याय हैं श्री देवानंद जी: गुरुचरण महतो (युवा कवि व लेखक, जमशेदपुर)
नमस्कार देवानंद जी। राष्ट्र संवाद के रजत जयंती वर्ष प्रवेश पर आपको और आपके पूरे टीम को बधाई और शुभकामनाएं।
मैं पिछले चार-पांच सालों से राष्ट्र संवाद पत्रिका का लगातार पाठक रहा हूं। इस दौरान समूह द्वारा आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों विशेषकर मिलन समारोह और स्थापना दिवस पर निमंत्रण भी मिलता रहा और यथासंभव मैं शरीक भी होता रहा। उक्त कार्यक्रमों में पत्रिका के मुखिया और प्रधान संपादक श्री देवानंद जी का सादगी पन, अपनापन और मेहमाननवाजी मुझे राष्ट्र संवाद से जुड़े रहने पर और अधिक मजबूर कर देता है। पत्रिका से संबंधित कार्यक्रमों के अलावा देवानंद जी अपने घरेलू उत्सवों और पूजा-पर्वों में भी बहुत ही आत्मीय भाव से बुलाते रहे हैं। राष्ट्रीय स्तर के एक पत्रिका के प्रधान संपादक अपने व्यस्ततम दिनचर्या के बावजूद रोजाना व्हाट्सएप करके हम जैसे पाठकों को देश-दुनिया की तमाम खबरों से रू-ब-रू कराना इस बात का ठोस सबूत है कि राष्ट्र संवाद अपने पाठकों के प्रति किस कदर समर्पित है। आपके इस समर्पण भाव से पाठक वर्ग अभिभूत होता रहा है। समूह के धीरज जी भी लगातार संपर्क बनाए रखते हैं। अपना स्नेह देते रहते हैं।
अभी हाल ही में प्रभात खबर द्वारा आयोजित एक भव्य समारोह में मुझे “कोल्हान गौरव सम्मान-2023” से सम्मानित किया गया था। इस खुशखबरी और उपलब्धि पर राष्ट्र संवाद ने भी खूब हर्ष जताया। मुझे अपने इस व्यापक समूह का एक सदस्य कहकर संबोधित करते हुए मेरे बारे में एक बड़ा लेख प्रकाशित किया। इस विशेष सम्मान के लिए मैं राष्ट्र संवाद का आभार प्रकट करता हूं। इसके अलावा समय-समय पर मेरी भावनाओं और रचनाओं को अपने पन्नों में जगह देने के लिए भी इस पत्रिका का आभार।
साहसी एवं तीखे तेवरों वाली झारखंड का पहला ई-मेगैजीन का गौरव लेकर इस पत्रिका ने कई घोटालों और भ्रष्टाचार के काले कारनामों को उजागर करने का साहसिक कार्य किया है। साथ ही अनैतिकता के खिलाफ भी हमेशा से मुखर रहा है। नए मिज़ाज की पत्रकारिता करते हुए, हक के लिए लड़ने और बोलने वाली राष्ट्र संवाद कहती है कि मेरे मुंह में तेरी ज़ुबान तो नहीं।
आज राष्ट्र संवाद की बागडोर एक ऐसे व्यक्ति के हाथ में है जो खूब संवेदनशील, चेतनाशील और रचनाशील हैं। निर्भीक भी हैं और ईमानदार भी। और सबसे बड़ी बात कि पाठक जिनसे बेपनाह प्यार करते हैं।
पच्चीस सालों की एक लंबी यात्रा के लिए राष्ट्र संवाद बधाई के पात्र हैं। विश्वसनीयता की तीसरी दशक पर दस्तक देना वाकई में एक बड़ी बात है। आप अपने मिशन पर कामयाब हों। हम नए रचनाकारों का दल राष्ट्र संवाद समूह के साथ हैं। श्री देवानंद जी के प्रभावशाली नेतृत्व में यह सिलसिला और आगे बढ़ें यही कामना है, यही मनोकामना है। एक बार पुनः राष्ट्र संवाद को रजत जयंती पर मुबारक हो!