नई दिल्ली. क्या आपने कोई ऐसी कॉलोनी देखी है जहां घरों में दाखिल होने पर आपको लगे कि आप किसी बेसमेंट में दाखिल हो रहे हैं. दिल्ली की तोमर कॉलोनी में सड़क ऊपर है और घर नीचे. आलम ये है कि घर से बाहर निकलने के लिए यानि मुख्य सड़क पर आने के लिए लोग या तो सीढ़ी का सहारा लेते हैं या फिर मुख्य दरवाजे पर बने गेट पर पैर टेककर ऊपर आते हैं. लोगों की छतों को या फर्स्ट फ़्लोर को आसानी से हाथों लगाकर छुआ जा सकता है.
दरअसल लोगों ने जमीन खरीद कर बुराड़ी के इस इलाक में घर पहले बना लिया था. सड़क या गली बनने का काम पिछले तीन चार साल में हुआ है. जो नई सड़क या गली बनी घर के लेवल से नीचे हो गई. लोगों ने विरोध भी जताया पर उनकी सुनी नहीं गई. आलम यह है कि अब इलाक़े में बन रही नई मकान गली के लेवल से 5 फ़ीट ऊपर बन रहे हैं ताकि अगर गली को फिर से बनाया गया तो भी उनके मकान नीचे धंसे नहीं.
कॉलोनी के लोगों का कहना है कि आए दिन नाले का पानी घरों में घुस जाता है. बारिश के मौसम में बरसाती के पानी से घर तालाब में तब्दील हो जाते है जिससे काफी तकलीफ होती है. इतना ही नहीं रोजमर्रा की जिंदगी में भी तोमर कॉलोनी के कई परिवार दुश्वारियों का सामना कर रहे हैं. दिल्ली देश की राजधानी है जहां सुख सुविधाओं की कोई कमी नहीं है. लेकिन बुराड़ी के ये इलाक़े जैसी राजधानी को मुंह चिढ़ाती दिखाई देती हैं. यहां न तो कोई प्लैनिंग दिखाई देती है और न ही इन घरों को ठीक से बसाने के लिए कोई योजना दिखाई देती है. यही वजह है कि इलाक़े के लोगों की मुसीबतें लगातार बनी हुई है.