दिल्ली. आईआरडीए ने बीमा कंपनियों को बिना किसी पूर्व-अनुमति के नए प्रोडक्ट लॉन्च करने की मंजूरी दे दी है. अब जीवन बीमा कंपनियां अब किसी प्रोडक्ट को बिना पू्र्व मंजूरी के लॉन्च कर सकती हैं और फिर उसे बीमा नियामक के पास फाइल कर सकती हैं. यह प्रावधान भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण की तरफ से स्वास्थ्य बीमा उत्पादों के साथ साधारण बीमा उत्पादों में भी इसी तरह की छूट देने के कुछ दिनों बाद जीवन बीमा के लिए भी लागू किया गया है.
आईआरडीए ने एक प्रेस रिलीज में कहा कि भारत को पूरी तरह से इंश्योर्ड देश बनाने की दिशा में यह कदम उठाया गया है. इसके तहत आईआरडीए ने अधिकतर जीवन बीमा उत्पादों के लिए यूज एंड फाइल प्रक्रिया को बढ़ा दिया है. इससे जीवन बीमा कंपनियों के लिए कारोबारी सुविधा बढ़ेगी तो आम लोगों के सामने चुनने के लिए विकल्प भी बढ़ेंगे.
आईआरडीए के फैसले से अब जीवन बीमा कंपनियां बिना नियामक की अनुमति के भी अपने प्रोडक्ट्स को बाजार में उतार सकती हैं. इससे पहले बीमा कंपनियों के लिए किसी भी लाइफ इंश्योरेंस प्रोडक्ट को लाने से पहले अनिवार्य रूप से मंजूरी लेनी होती थी. हालांकि समय के साथ यह इंडस्ट्री मेच्योर हुई है तो इसे देखते हुए आईआरडीए ने माना कि कुछ जरूरी छूट दी जा सकती है.
आईआरडीए के इस फैसले से बीमा कंपनियां बाजार की बदलती जरूरतों के अनुसार पर्सनल सेविंग, पर्सनल पेंशन और एन्यूटी को छोड़ अन्य बेहतर प्रोडक्ट्स को पेश कर सकेगी. आईआरडीए के मुताबिक इस छूट से बीमा कंपनियों के लिए कारोबारी सुविधा बढ़ेगी और पॉलिसीधारकों के लिए भी विकल्प बढ़ेंगे.
आईआरडीए ने कहा कि जीवन बीमा कंपनियों से उम्मीद है कि उनके पास बोर्ड से मंजूर किया हुआ प्रोडक्ट मैनेजमेंट और प्राइसिंग पॉलिसी हो. बोर्ड को एक प्रोडक्ट मैनेजमेंट कमेटी बनाना होगा, जिसमें बीमा कंपनी के एक्चुअरी, चीफ रिस्क ऑफिसर, चीफ मार्केटिंग/डिस्ट्रीब्यूशन ऑफिसर, चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर और चीफ कंप्लॉयस ऑफिसर सदस्य के रूप में होंगे. इस कमेटी में बीमा कंपनी के सीनियर मैनेजमेंट के अन्य सदस्यों को भी शामिल करने का विकल्प होगा. यह कमेटी प्रोडक्ट्स/राइडर्स को रिव्यू करेगी.