नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कवर किए गए लोगों को कम से कम अगले साल दिसंबर तक मुफ्त में राशन उपलब्ध कराने का फैसला किया है. सरकार के इस फैसले से 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को फायदा होगा. बता दें कि प्रधान मंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को 2020 में कोविड प्रभावित आजीविका के बाद शुरू किया गया है.
केंद्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री गोयल ने बताया कि सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एक्ट के तहत चावल 3 रुपये प्रति किलो, गेहूं 2 दो रुपये प्रति किलो और मोटा अनाज 1एक रुपये प्रति किलो की दर से देती है. सरकार ने फैसला लिया है कि दिसंबर 2023 तक यह पूरी तरह से मुफ्त में मिलेगा. इससे 81.35 करोड़ लोगों को फायदा होगा.
भारत सरकार उठाएगी बोझ
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत गरीबों को मुफ्त राशन देने पर करीब दो लाख करोड़ रुपये की लागत आएगी जिसका बोझ केंद्र सरकार उठाएगी. इस योजना को अप्रैल 2020 में शुरू किया गया था. इस योजना की अवधि छठी बार मार्च में बढ़ाई गयी थी.
ग्रामीण से लेकर शहरी सभी लोगों को फायदा
इसका उद्देश्य लोगों को गरिमा के साथ जीवन जीने के लिए सस्ती कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण भोजन की पर्याप्त मात्रा सुनिश्चित कराना है, ताकि लोगों खाद्य और पोषण सुरक्षा दी जा सके. इस कानून के तहत 75 फीसदी ग्रामीण आबादी और 50 फीसदी शहरी आबादी को कवरेज मिला है, जिन्हें बेहद कम कीमतों पर सरकार द्वारा अनाज मुहैया कराया जाता है.