कांग्रेस ने पूछा, क्या सरकार ने कश्मीर पर स्वीकार ली है अमेरिकी मध्यस्थता
नयी दिल्ली, 11 मई (भाषा) कांग्रेस ने सैन्य टकराव रोकने के संबंध में अमेरिका द्वारा भारत और पाकिस्तान की ओर से घोषणा के बाद रविवार को सरकार से जवाब मांगा कि क्या उसने कश्मीर पर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार कर ली है। कांग्रेस ने इस मुद्दे का ‘‘अंतरराष्ट्रीयकरण’’ करने के प्रयास की भी आलोचना की।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच ‘‘संघर्ष विराम’’ की घोषणा करने का अमेरिका का कदम ‘‘अभूतपूर्व’’ है और इससे कई सवाल उठते हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार को वर्तमान परिस्थितियों में इन मुद्दों पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक और सर्वदलीय बैठक तथा संसद का विशेष सत्र बुलाने की विपक्ष की मांग को स्वीकार करना चाहिए।
पिछले 24 घंटों में घटनाक्रम में तेजी से आए बदलावों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से संघर्ष विराम की घोषणा के बाद हम सभी हैरान थे।’’
पायलट ने कहा, ‘‘भारत और पाकिस्तान के बीच मुद्दों को अंतरराष्ट्रीयकरण करने का प्रयास किया गया। ऐसा पहली बार हुआ है।’’ उन्होंने कहा कि सरकार को राष्ट्र और सभी पक्षों को विश्वास में लेते हुए स्पष्टीकरण देना चाहिए।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘अमेरिका ने दो देशों के बीच एकतरफा संघर्ष विराम की घोषणा की है। यह अप्रत्याशित है, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ और उन्होंने कश्मीर को चर्चा में शामिल करने का प्रयास किया, जो कि अभूतपूर्व है।’’
उन्होंने अमेरिकी बयानों का हवाला देते हुए कहा, ‘‘यह कहना कि वे तटस्थ स्थल पर मिलेंगे, वे कौन होते हैं यह तय करने वाले कि तटस्थ स्थल क्या होगा और किसे मिलना चाहिए।’’
आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को कहा कि भारत कश्मीर मुद्दे पर कभी भी मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेगा और इस पर चर्चा का एकमात्र मुद्दा यह है कि पाकिस्तान अपने अवैध कब्जे वाले क्षेत्र को वापस करे।