कांग्रेस कोल्हान के प्रवक्ताओं को लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव से मिले विधायक सरयू राय
झारखण्ड सरकार के वित्त एवं खाद्य, सार्वजनिक वितरण तथा उपभोक्ता मामलों के मंत्री तथा प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डा० रामेश्वर उरांव से आज दोपहर में मैंने मुलाकात की। उनके साथ कई बिन्दुओं पर बातें हुई, जिसमें निम्नांकित बिन्दु प्रमुख हैं:
1. मैंने उनके साथ राज्य की वित्तीय स्थिति के बारे में चर्चा की, तो उन्होंने बताया कि फरवरी, 2021 तक राज्य की वित्तीय स्थिति काफी अच्छी थी। उसके बाद कोरोना के दूसरे चरण में टैक्स की वसूली में काफी कमी आई है। मैंने उनसे आग्रह किया कि वे राज्य की वित्तीय नीति में बदलाव के लिए सक्षम आर्थिक विशेषज्ञों की सलाह ले और उनसे जानकारी प्राप्त करें कि लम्बे समय से झारखण्ड की वित्तीय स्थिति में यहां के प्राकृतिक संसाधनों के अनुरूप सुधार क्यों नहीं हो रही है? कारण की जब तक झारखण्ड वित्तीय मामलों में सुदृढ़ नहीं होगी, यहां के टैक्स वसूली नहीं बढ़ेगी तब तक झारखण्ड विकसित राज्य नहीं बन सकेगा। उन्होंने कहा कि वे न केवल राज्य की आमदनी बढ़ाने का प्रयास कर रहे हंै बल्कि फिजूलखर्ची को भी कम करने की दिशा में कदम उठा रहे है।
2. मैंने उनसे निवेदन किया कि राज्य के उद्योगों को गति देने के लिए भी नीतिगत परिवर्तन आवश्यक है। फिलहाल राज्य के वितमंत्री को केन्द्र सरकार से जोरदार आग्रह करना चाहिए कि झारखण्ड के लिए ‘इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन’ विमुक्त करंे, कारण कि झारखण्ड के उद्योगों का बड़ा हिस्सा इंडस्ट्रियल आॅक्सीजन नहीं मिलने के कारण मृतप्रायः हैं। इससे राज्य का टैक्स संग्रह भी प्रभावित हो रही है। उन्होंने आश्वस्त किया कि वे इस हेतु प्रयास करेंगे।
3. डा० उराँव ने केन्द्र सरकार द्वारा कोरोना का टीका मुफ्त नहीं दिये जाने पर चिंता व्यक्त किया कि वित्तीय दृष्टि से कमजोर राज्यों के लिये टीका पर धन व्यय करना कठिन होगा. साथ ही यह देश की संघीय व्यवस्था के लिये स्वस्थकर नहीं होगा. मैंने उनके विचार से सहमति व्यक्त करते हुये कहा कि सभी दलों एवं संगठनों को इसके लिये केन्द्र के सामने आवाज उठाना चाहिये. यह राज्यहित एवं जनहित का मामला है. एक देश-एक टीका नीति होगी तभी झारखंड जैसे राज्य अपने नागरिकों को टीका दिलवा पायेंगे.
4. राज्य में अनलॉक पर भी वित्त मंत्री से चर्चा हुई. मैंने अपना विचार दिया कि कोरोना का प्रकोप स्थायी रूप से लंबा खिंचनेवाला है. इस बारे में कमांडर के नाते केन्द्र में प्रधान मंत्री और राज्य में मुख्यमंत्री को परिस्थिति के अनुरूप निर्णय लेना चाहिये. मास्क, परस्पर दूरी और टीका का त्रिशूल ही कोरोना का सामना करने में राज्य सरकार को मजबूती दिलायेगा. इस आलोक में आर्थिक गतिविधियों, सरकारी गतिविधियों, जनहितकारी आवश्यक गतिविधियों में सशर्त छूट मिलनी चाहिये.
5. आदित्यपुर के सेव लाईफ अस्पताल प्रकरण में कांग्रेस के प्रवक्ताओं की भूमिका पर भी मैंने चर्चा की और प्रवक्ताओं की स्थिति के बारे में उनसे जानकारी चाहा। उन्होंने कहा कि इस बारे में उन्होंने उपयुक्त स्तर पर आवश्यक निर्देश दे दिया है तथा आगे वे इसका ध्यान रखेंगे। इस संबंध में उनसे हुई बातों का सार्वजनिक उल्लेख करना उचित नहीं होगा, यह उनके संगठन का आंतरिक मामला है।