मकर संक्रांति
रोज मनाएं व्रत त्योहार,
प्यार स्नेह की हो बौछार,
लोहड़ी संक्रांत हो जाए जीवन,
सूर्योदय खुशियां लाए हर बार।
घी खिचड़ी की आंच हो,
गुड तिल सी मिठास हो,
रंगोली सा रंगीन हो जीवन,
उम्मीदों का आकाश हो।
नर्म नर्म सी धूप मिले,
आशाओं के दीप जलें,
पग पग खुशियां नाचें हरदम,
चंदन महके फूल खिलें।
पतंग उमंग हर्ष उल्लास,
बना रहे अपनों का साथ,
नित नवीन जोश उत्साह,
बन जाए हर बिगड़ी बात।
रिया अग्रवाल
फरीदाबाद हरियाणा