नई दिल्ली. इंफोसिस के सह-संस्थापक क्रिस गोपालकृष्णन और IISc के पूर्व डायरेक्टर बलराम सहित 18 व्यक्तियों पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह मामला बेंगलुरु के सदाशिव नगर पुलिस स्टेशन में 71वें सिटी सिविल और सेशन कोर्ट के निर्देश पर दर्ज किया गया।
शिकायतकर्ता के आरोप
यह मामला दुर्गप्पा नामक एक व्यक्ति की शिकायत पर आधारित है, जो आदिवासी बवी समुदाय से संबंधित हैं। दुर्गप्पा, IISc (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस) के सेंटर फॉर सस्टेनेबल टेक्नोलॉजी में फैकल्टी मेंबर थे। उनका आरोप है कि:
2014 में उन्हें एक हनी ट्रैप केस में झूठा फंसाया गया।
इसके बाद उन्हें उनकी नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया।
उन्हें जातिसूचक शब्दों से अपमानित किया गया और धमकियां दी गईं।
उन्हें उनके समुदाय और वर्ग के आधार पर निशाना बनाया गया।
आरोपियों के नाम
इस मामले में जिन लोगों के नाम शामिल हैं, उनमें प्रमुख हैं:
क्रिस गोपालकृष्णन
गोविंदन रंगराजन
श्रीधर वारियर
संध्या विश्वसवरैया
हरि केवीएस
बलराम पी
हेमलता मिषी
चट्टोपाध्याय के
प्रदीप डी सावकर
मनोहरन
आधिकारिक प्रतिक्रिया का इंतजार
फिलहाल इस मामले में IISc प्रशासन या क्रिस गोपालकृष्णन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
क्रिस गोपालकृष्णन का परिचय
क्रिस गोपालकृष्णन इंफोसिस के सह-संस्थापक हैं और 2007 से 2011 तक कंपनी के सीईओ और एमडी रहे। उन्हें 2011 में भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
शिकायतकर्ता ने मामले में न्याय की मांग की है, जबकि आगे की जांच जारी है।