प्रदीप कुमार नायक की रिपोर्ट
मधुबनी ,बिहार: जिला पदाधिकारी के निर्देश के आलोक में बाल श्रमिकों की विमुक्ति हेतु विभिन्न दुकानों एवं प्रतिष्ठानों में धावा दल के माध्यम से चलाया गया सघन जांच अभियान। बेनीपट्टी अंबेडकर चौक स्थित हीरा ऑटो केयर सेंटर से एक बाल श्रमिको को विमुक्त कराया गया । जिला पदाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा के निर्देश के आलोक में नगर पंचायत बेनीपट्टी एवं बेनीपट्टी अनुमंडल क्षेत्र में बाल श्रमिकों की विमुक्ति हेतु विभिन्न दुकानों एवं प्रतिष्ठानों में धावादल के माध्यम से सघन जांच अभियान चलाया गया।इसी क्रम में बेनीपट्टी अंबेडकर चौक स्थित हीरा ऑटो केयर सेंटर से एक (1) बाल श्रमिको को विमुक्त कराया गया ।विमुक्त बाल श्रमिको को बाल कल्याण समिति, मधुबनी के समक्ष उपस्थापित कर निर्देशानुसार उन्हें बाल गृह में रखा गया है ।बाल एवं किशोर श्रम ( प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के तहत नियोजक के विरुद्ध संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है ।श्रम अधीक्षक ने बताया कि बाल श्रमिकों से किसी भी दुकान या प्रतिष्ठान में कार्य कराना बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के अंतर्गत गैरकानूनी है तथा बाल श्रमिकों से कार्य कराने वाले व्यक्तियों को ₹20000 से ₹50000 तक का जुर्माना और 2 वर्षों तक के कारावास का प्रावधान है ।इसके अतिरिक्त माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा एम सी मेहता बनाम तमिलनाडु सरकार 1996 में दिए गए आदेश के आलोक में नियोजकों से ₹20000 प्रति बाल श्रमिक की दर से अलग से राशि की वसूली की जाएगी जो जिलाधिकारी के पदनाम से संधारित जिला बाल श्रमिक पुनर्वास सह कल्याण कोष में जमा किया जाएगा ।इस राशि को जमा नहीं कराने वाले नियोजक के विरुद्ध एक सर्टिफिकेट केस या नीलाम पत्र वाद अलग से दायर किया जाएगा ।आज की इस धावा दल टीम के सदस्य के रूप में सिद्धार्थ कुमार श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी बेनीपट्टी, अनूप शंकर श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी बिस्फी, प्रेम कुमार साह श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी बासोपट्टी, अमित कुमार श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी आंध्राठाढी, सर्वों प्रयास संस्था के हरी प्रसाद, समग्र शिक्षा एवं विकास संस्थान के पप्पू कुमार एवम बैजू कुमार झा, तथा बेनीपट्टी पुलिस की टीम शामिल थे ।धावा दल की टीम के द्वारा आज नगर पंचायत बेनीपट्टी एवम बेनीपट्टी अनुमंडल क्षेत्र के सभी दुकान एवं प्रतिष्ठान में सघन जांच की गई तथा सभी नियोजको से किसी भी बाल श्रमिक को नियोजित नहीं करने हेतु एक शपथ पत्र भरवाया गया ।श्रम अधीक्षक के द्वारा बताया गया कि धावा दल नियमित रूप से प्रत्येक सप्ताह संचालित होगा तथा मधुबनी शहर के अलावा सभी अनुमंडल मुख्यालय एवं प्रखंड मुख्यालयों में भी धावा दल संचालित किया जाएगा तथा बाल श्रमिकों को नियोजित करने वाले नियोजकों के विरूद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।