जमशेदपुर में मजदूरों की पुकार: स्थाई रोजगार स्थल और उचित मजदूरी की मांग
राष्ट्र संवाद संवाददाता
जमशेदपुर, 3 मई – शहर में दैनिक मजदूरी पर काम करने वाले मजदूरों ने अपने हक की लड़ाई तेज कर दी है। बीते दो दिनों से ये मजदूर काम का बहिष्कार कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। एक स्थाई रोजगार स्थल की व्यवस्था और मजदूरी में वाजिब वृद्धि।
मानगो गोलचक्कर, आजाद नगर थाना क्षेत्र के चेपा पुल और रोड नंबर 15 जैसे प्रमुख स्थानों पर रोजाना सैकड़ों मजदूर काम की तलाश में इकट्ठा होते हैं। इनमें महिला मजदूर (रेजा), पुरुष लेबर और राजमिस्त्री शामिल हैं। वर्तमान में मिलने वाली मजदूरी
रेजा (महिला मजदूर) – ₹300 से ₹350 प्रति दिन
लेबर (पुरुष मजदूर) – ₹400 प्रति दिनराजमिस्त्री – ₹600 से ₹700 प्रति दिन
मजदूरों का कहना है कि लगातार बढ़ती महंगाई के बावजूद उनकी मजदूरी वर्षों से जस की तस है। वे चाहते हैं कि अब मजदूरी इस प्रकार निर्धारित की जाए:
रेजा को कम से कम ₹500
लेबर को ₹600मिस्त्री को ₹700 से अधिक
रोड नंबर 15 पर एक ठेकेदार द्वारा मजदूरों से मारपीट की घटना सामने आई है। मजदूरों का आरोप है कि ठेकेदार उन्हें स्वतंत्र रूप से काम तलाशने से रोकते हैं और जबरन कम मजदूरी पर काम करने के लिए दबाव डालते हैं। मजदूरों ने इस मामले की शिकायत आजाद नगर थाना प्रभारी से की है और प्रशासन से सुरक्षा और स्थाई स्थल की मांग की है।
मजदूरों का कहना है कि महीने में औसतन केवल 20 से 22 दिन ही काम मिल पाता है, जिससे उनके परिवारों का गुजारा करना दिन-ब-दिन मुश्किल होता जा रहा है। महामारी और आर्थिक मंदी के बाद उनकी जमा पूंजी भी समाप्त हो चुकी है।
मजदूर संगठनों और स्थानीय लोगों ने प्रशासन से अपील की है कि जल्द से जल्द:एक सुरक्षित और स्थाई रोजगार स्थल की व्यवस्था की जाएमजदूरी में वस्तुस्थिति के अनुसार इजाफा किया जाएमजदूरों को किसी भी प्रकार की ठेकेदारी दबाव या हिंसा से सुरक्षा दी जाए
यह विरोध प्रदर्शन न केवल मजदूरों की आर्थिक स्थिति का प्रतीक है, बल्कि उस सामाजिक असमानता की ओर भी इशारा करता है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अब देखना होगा कि प्रशासन इस मुद्दे पर कितना त्वरित और प्रभावी कदम उठाता है