अंकिता मामले में सरकार की चूक स्वीकार कर बन्ना गुप्ता ने दिया जननायक होने का परिचय
देवानंद सिंह
एकतरफा प्यार में दुमका की लड़की को जलाकर मारने की घटना के बाद से उपराजधानी समेत पूरे प्रदेश में हंगामा मचा है। यह घटना इतनी क्रूर है कि लोग अपना आक्रोश रोक ही नहीं सकते हैं। जैसा कि हम सब हर घटनाओं में देखते हैं, इस घटना में भी देख रहे हैं, राजनीति शुरू हो गई है। विपक्ष सरकार को घेरने में जुट गया हैं, लेकिन सरकार की तरफ से जिस तरह स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता सामने आए हैं, वह काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि सरकार में रहते हुए जिस तरह उन्होंने इस मामले में सरकार की चूक को स्वीकारा है, वहीं आरोपी के खिलाफ फास्ट ट्रायल के तहत केस चलाने की वकालत की है, जिससे आरोपी को जल्द से जल्द फांसी की सजा मिल सके। जब किसी भी राज्य या किसी भी क्षेत्र में इस तरह को घटनाएं होती हैं,
सत्ता पक्ष के मंत्री, नेता और विधायक कोई भी सीधेतौर पर सामने नहीं आता है। अगर, आता भी है तो वह सरकार का बचाव करने के अलावा कुछ नहीं करता है, पर झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री जनता के बीच में रहकर सरकार की कमी को भी स्वीकार करने की हिम्मत रखते हैं, वह एक जननायक की पहचान है। उन्होंने अपने बयान में कहा-अंकिता सिर्फ दुमका की बेटी ही नहीं, पूरे राज्य की बेटी थीं। अंकिता के हत्यारों को फांसी की सजा दिलाकर रहेंगे। उन्होंने कहा, अपराधियों और आतंकियों का कोई धर्म नहीं होता। आज भाजपा इस पर राजनीति कर रही है, लेकिन हमारी सरकार संवेदनशील है, बहन अंकिता के हत्यारे को गिरफ्तार कर लिया गया है और स्पीड ट्रायल कर उसे फांसी की सजा तक पहुँचाने का कार्य करेगा।
जिस तरह से बन्ना गुप्ता ने अपनी बात रखी, वास्तव में एक जननायक की यही पहचान होती है। इसी मामले में नहीं, हर मामले में वह जनता के साथ मुखर होकर खड़े नजर आते हैं और जनता की बात को उठाने में बिलकुल भी नहीं हिचकते हैं, चाहे उनकी कुर्सी पर ही खतरा क्यों न मंडरा जाए।
पूर्व मुख्यमंंत्री रघुवरदास ने इस पूरे प्रकरण पर सरकार को घेरते हुए इसे लव जिहाद का मामला बताया। उन्होंने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि झारखंड शर्मसार है, दुखी है। दुमका की हमारी बेटी अंकिता को एक वहशी शाहरुख ने अपने सनकीपन के कारण जिंदा जला दिया। उस बेटी ने अपने प्राण त्याग दिए। उन्होंने कहा, यह सब वोट बैंक और तुष्टीकरण का नतीजा है कि झारखंड की बेटी अंकिता की नृशंस हत्या हो गई। शाहरुख नाम के अपराधी ने अंकिता पर पेट्रोल डालकर जलकर मार डाला, लेकिन मुख्यमंत्री जी के मुंह आज तक एक आह तक नहीं निकली। इसे तुष्टिकरण नहीं कहें, तो क्या कहें। एक ओर हेमंत सरकार उपद्रवी नदीम को एयर एंबुलेंस से भेजकर सरकारी खर्च पर इलाज करवा रही है।
दूसरी ओर झारखंड की बेटी अंकिता को उसी के हाल पर छोड़ दिया गया। उन्होंने सीएम हेमंत सोरेन से अंकिता के हत्यारे को फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामला चला कर एक सप्ताह में फांसी दिलाने की मांग की। हालांकि, इस मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का भी बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि आजकल समाज में कई तरह की बुरी घटनाएं घट रहीं हैं। यह वारदात दिल तोड़ने वाली है और कानून अपना काम कर रहा है। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। हम कोशिश करेंगे कि उसे जल्द से जल्द सजा मिले। ऐसे अपराधियों को क्षमा नहीं किया जा सकता। इनको कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए मौजूदा कानूनों को और कड़ा किया जाना चाहिए।
लेकिन यह देखने वाली बात होगी कि आरोपी को कब सजा मिलती है, क्योंकि इस तरह के अपराध में आरोपी को तत्काल फांसी के फंदे तक पहुंचाया जाना बहुत आवश्यक है। इस सभ्य समाज में इस तरह की घटनाएं निहायत ही शर्मशार करने वाली हैं। किस तरह से आरोपी अंकिता नाम की 12 वीं की छात्रा को परेशान कर रहा था और एकतरफा प्यार में उसे प्रेषण कर रहा था, अंकिता जब राजी नहीं हुई और उसे झिड़का तो आरोपी शाहरुख ने आपा खो दिया और धमकी दी कि अगर मेरा कहा नहीं मानोगी तो मैं तुम्हें मार डालूंगा। और अपने कहे अनुसार आरोपी ने अंकिता पर पेट्रोल डालकर आग के हवाले कर दिया। कई दिनों तक जिंदगी और मौत से जूझने के बाद अंकिता की मौत हो गई। हालांकि, अंकिता जब अस्पताल में थी तो उसे और भी बेहतर मेडिकल सुविधा मुहैया कराई जा सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं होना सरकार की ही चूक माना जाएगा, लेकिन जिस तरह से स्वास्थ्य मंत्री इसे सरकार की चूक मानते हैं, वह अपने-आप में हिम्मत की बात है, लेकिन अब अंकिता तो इस दुनिया में रही नहीं, इसीलिए आरोपी को जल्द ही फांसी के तख्ते तक पहुंचाए जाने का काम कर पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाया जा सकता है।
राज्यपाल रमेश बैस ने दुमका के जरुवाडीह की अंकिता कुमारी सिंह के साथ हुई घटना और उसकी मौत को अत्यंत दुखद बताते हुए कहा है कि एक लड़की जिसने अभी पूरी दुनिया भी नहीं देखी थी, उसका इस प्रकार से अंत बहुत ही पीड़ादायक है. राज्यपाल ने शोक शंतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की. उन्होंने अंकिता के पिता से बात कर उनसे पूरी घटना की जानकारी ली एवं व्यक्तिगत रूप से सांत्वना दी.
दिवंगत अंकिता के परिजनों को उपलब्ध कराई गई सहायता राशि
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के आदेश के बाद उपायुक्त दुमका ने दिवंगत अंकिता के परिजनों को सहायता राशि के रूप में कुल 10 लाख रुपए उपलब्ध कराया है। मुख्यमंत्री को उपायुक्त दुमका ने बताया कि मामले में संबंद्धित सह-अभियुक्त को भी गिरफ़्तार किया जा चुका है।