नई दिल्ली. वित्त मंत्रालय में हलवा सेरेमनी आज संपन्न हो गई है. इस मौके पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और कई सीनियर अधिकारी मौजूद रहे. इस सेरेमनी के साथ ही अब बजट पेपर की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारण अपना तीसरा बजट पेश करेंगी.
हर साल बजट पेपर की छपाई से पहले वित्त मंत्रालय में हलवा बनाया और बांटा जाता है. इसके साथ ही बजट पेपर की छपाई से जुड़े कर्मचारी नॉर्थ ब्लॉक में रह कर ये काम करते हैं. बजट पेश होने तक वे यहां से नहीं निकलेंगे. इस बार कोरोना की वजह से कम लोग शामिल होंगे.
80 लोग मंत्रालय में हो जाएंगे कैद
बजट पेपर मंत्रालय के चुनिंदा अधिकारी तैयार करेंगे. इस दौरान बजट पेपर जिन कम्प्यूटरों पर बनता है, उन्हें दूसरे नेटवर्कों से डीलिंक कर दिया जाता है, ताकि यह लीक न हो. लगभग 80 लोग रात-दिन बजट पेपर की छपाई में जुटे होते हैं. हालांकि इस बार बस टाइपिंग और अपलोड करने की बात कही जा रही है. इस दौरान इन्हें 10 दिन यानि बजट पेश होने तक घर जाने की इजाजत नहीं होगी. छपाई (टाइपिंग और अपलोड) के अंतिम दिनों में तो इन्हें घर से भी संपर्क की इजाजत नहीं होगी. कोई इमरजेंसी हो जाए तो उन्हें मंत्रालय के लैंडलाइन पर फोन करने की इजाजत होती है. लेकिन बातचीत निगरानी में होती है. बातचीत की रिकार्डिंग भी होती है.
हलवा सेरेमनी क्या है?
हर साल बजट को अंतिम रूप देने से कुछ दिन पहले नॉर्थ ब्लॉक में वित्त मंत्रालय में एक बड़ी कढ़ाई में हलवा बनाया जाता है. इसके बाद इसके वितरण कार्यक्रम के दौरान वित्त मंत्री मौजूद होते हैं. भारतीय परंपरा में किसी भी शुभ काम की शुरुआत मिठाई खिला कर की जाती है. वित्त मंत्री खुद प्रिंटिंग प्रेस से जुड़े कर्मचारियों और अधिकारियों को हलवा बांटकर बजट पेपर की छपाई का काम शुरू कराते हैं.
बेसमेंट में छपते हैं पेपर
बजट पेपर की छपाई का काम वित्त मंत्रालय के बेसमेंट में होता था. इस दौरान यहां की सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी होती है. साल 1980 से ही नॉर्थ ब्लाक के बेसमेंट में बजट छापने का काम किया जा रहा है.