बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था पर भाजपा ने किया हेमंत सरकार पर हमला, कहा- हेमंत सरकार ने जनता को बीमार सिस्टम के हवाले किया।
कोरोनाकाल में एक वर्ष बिताने वाली सरकार की स्वास्थ्य के क्षेत्र में उपलब्धि नगण्य, बंद हुई मेडिका और मेड्रिटीना सरकार की विफलता: कुणाल षाड़ंगी
जमशेदपुर। राज्य में गिरती स्वास्थ्य व्यवस्था एवं बढ़ते कोरोना मामलों के बीच भाजपा ने हेमंत सरकार पर तीखा हमला किया है। बुधवार को साकची स्थित भाजपा जिला कार्यालय में प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने हेमंत सरकार की कार्यशैली और उदासीनता पर सवाल उठाते हुए कई कड़े सवाल किए। प्रेस-वार्ता को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के भरोसे मरीजों की सांस चल रही है। राज्य सरकार ने कोरोनाकाल में अपने एक वर्ष पूरे किए। सोमवार को राज्य सरकार ने अपने 8 फैसले को प्रदेश के लिए पहली बार बताते हुए सभी समाचारपत्रों में प्रमुखता से प्रकाशित किया था परंतु इनमें स्वास्थ्य के क्षेत्र में उपलब्धि शून्य रही। यह दर्शाता है कि देश एवं पूरे विश्व के लिए जब कोरोना से लड़ाई पहली प्राथमिकता थी तब राज्य सरकार के पास स्वास्थ्य क्षेत्र में गिनाने को एक उपलब्धि नहीं थी। इतने बड़े संकट कोरोना काल के प्रारंभिक दिनों से लेकर अबतक प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधा जस की तस बनी हुई है। इलाज में हुए आभाव से पिता की मौत के बाद राँची के बेटी की चीख पूरे देश ने सुनी। उन्होंने पहली बार के कथन पर तंज कसते हुए कहा कि कोरोना मरीजों के सुविधा हेतु जारी किए गए 6 हेल्पलाइन नंबर में से चार बंद पड़े हैं। ट्वीटर पर सरकार चलाने वाले मुख्यमंत्री और उनके मंत्रीगण द्वारा लोगों की सुविधा हेतु संचालित ट्विटर अकाउंट साल भर से निष्क्रिय है। राज्य के सबसे बड़े अस्पताल राँची स्थित रिम्स के इमरजेंसी वार्ड समेत छह अन्य अस्पतालों में आज ऑक्सिजन नहीं है। यह घटना भी झारखंड के इतिहास में पहली बार है। कोरोना के बिगड़ते हालात पर सरकार ने आनन-फानन में जांच में तेजी लाने के लिए आरटीपीसीआर मशीन, सिटी सकैन, कैथ लैब की खरीददारी और टेक्नीशियन के नियुक्ति के आदेश अब पारित किए हैं। उन्होंने अस्पतालों में पचास प्रतिशत बेड आरक्षित रखने के आदेश पर सवाल उठाते हुए कहा कि केवल जनता को भ्रमित करने के लिए आदेश दिए गए थे। उन आदेश का क्या हुआ? क्या किसी अस्पताल से इस संबंध में कोई अन्य जानकारी मांगी गई। उन्होंने कोरोना मामले की चिंताजनक स्थिति पर कहा कि सड़कों पर लाशें जलाई जा रही है। शवदाह गृह के मरम्मती संबंधी कार्य अब तक पूरे नही हुए हैं। कोरोना के चुनौतीपूर्ण समय में सरकार की नीतियों के कारण दो बड़े अस्पताल मेडिका और मेड्रिटीना में ताले लग गए। अगर ये अस्पताल आज खुले होते तो लोगों को बड़ी राहत होती। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कोल्हान के सबसे बड़े अस्पताल एमजीएम की वास्तविकता किसी से छिपी नहीं है। ऐसे समय में भी स्वास्थ्य मंत्री समेत पूरी केबिनेट उपचुनाव में व्यस्त हैं मानो उपचुनाव से ही कोरोना संकट का समाधान होगा। राज्य सरकार की उदासीनता पर हाइकोर्ट ने कहा है कि राज्य के सचिव पत्थर की मूरत की तरह कोर्ट के निर्देशों को सुनते हैं, ऐसा कथन सरकार को आईना दिखाते हैं। केंद्र सरकार से लगातार मिल रहे मदद व राहत पैकेज के बावजूद भी राज्य सरकार कोरोना से निपटने के लिए आधारभूत संरचना तैयार नहीं कर पाई। श्री षाड़ंगी ने प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के सुझाव का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य सरकार सर्वदलीय बैठक बुलाये और राज्य में मेडिकल इमरजेंसी घोषित करे। उन्होंने राज्य सरकार से बढ़ते कोरोना मामले पर रेल की बोगियों को कोविड अस्पताल बनाने की मांग की है। भाजपा ने राज्य सरकार से कोरोना के बढ़ते मामलों पर अगले माह निर्धारित जेपीएससी परीक्षा के तिथि को अविलंब आगे बढ़ाने की मांग की है।
प्रेस-वार्ता के दौरान भाजपा महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव एवं जिला प्रवक्ता प्रेम झा मुख्यरूप से उपस्थित थे