बिरसा हरित ग्राम योजना: बंजर धरती पर हरी क्रांति, छत्तीसगढ़ टीम ने सराहा मॉडल
राष्ट्र संवाद संवाददाता
पश्चिमी सिंहभूम जिले में बिरसा हरित ग्राम योजना के सफल क्रियान्वयन का अध्ययन करने मंगलवार को छत्तीसगढ़ से 11 सदस्यीय टीम पहुंची। महात्मा गांधी नरेगा राज्य कार्यालय, छत्तीसगढ़ के उपायुक्त श्री राजेंद्र पाण्डेय के नेतृत्व में आई इस टीम ने झींकपानी एवं खूंटपानी प्रखंडों के बागवानी मॉडलों का निरीक्षण किया।
टुंगरी क्षेत्र की पथरीली और अनउपजाऊ भूमि पर किसानों द्वारा तैयार किए गए आम एवं मिश्रित बागवानी मॉडल देखकर टीम ने खुशी जताई। पद्मावती सवैया, जोंकों पूर्ति सहित कई किसानों ने अंतर फसल के माध्यम से सालाना लाखों की आय का सफल उदाहरण प्रस्तुत किया है।
टीम ने कहा कि पश्चिमी सिंहभूम का यह बागवानी मॉडल अब छत्तीसगढ़ में भी अनुकरणीय रूप में अपनाया जाएगा। महात्मा गांधी नरेगा, कृषि, भूमिसंरक्षण, जेएसएलपीएस सहित विभिन्न विभागों के अभिसरण से लाभुकों को मिली तकनीकी और आधारभूत सुविधाओं की सराहना की गई।
जिले में इस वर्ष 541 बागवानी सखी सक्रिय हैं, जबकि 5 कृषि उत्पादक कंपनियाँ—विशेषकर कोल्हान प्रोड्यूसर कंपनी—उच्च गुणवत्ता वाले पौधे उपलब्ध कराने और उपज का बाजारीकरण सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। जिले में अब तक कुल 46,999 लखपति दीदी लाभान्वित हो चुकी हैं।
टीम ने आम्रपाली, मल्लिका, लंगड़ा, हिमसागर जैसी किस्मों के आम को ओडिशा, बिहार, छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों में सप्लाई किए जाने की प्रक्रिया को भी अनुकरणीय बताया।


