Close Menu
Rashtra SamvadRashtra Samvad
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Rashtra SamvadRashtra Samvad
    • होम
    • राष्ट्रीय
    • अन्तर्राष्ट्रीय
    • राज्यों से
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
      • ओड़िशा
    • संपादकीय
      • मेहमान का पन्ना
      • साहित्य
      • खबरीलाल
    • खेल
    • वीडियो
    • ईपेपर
      • दैनिक ई-पेपर
      • ई-मैगजीन
      • साप्ताहिक ई-पेपर
    Topics:
    • रांची
    • जमशेदपुर
    • चाईबासा
    • सरायकेला-खरसावां
    • धनबाद
    • हजारीबाग
    • जामताड़ा
    Rashtra SamvadRashtra Samvad
    • रांची
    • जमशेदपुर
    • चाईबासा
    • सरायकेला-खरसावां
    • धनबाद
    • हजारीबाग
    • जामताड़ा
    Home » बिहार में जातिगत जनगणना का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा
    Breaking News Headlines

    बिहार में जातिगत जनगणना का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा

    Devanand SinghBy Devanand SinghJanuary 12, 2023No Comments2 Mins Read
    Share Facebook Twitter Telegram WhatsApp Copy Link
    Share
    Facebook Twitter Telegram WhatsApp Copy Link

     

     

    बिहार में जातिगत जनगणना का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है और अदालत ने मामले पर 20 जनवरी 2023 को सुनवाई पर लगाने की मंजूरी दी है, अब इसके बाद ही तय होगा कि जातिगत जनगणना जारी रहेगी या रोक दी जाएगी, लेकिन…. जातिगत जनगणना रूके या जारी रहे, इसका सियासी फायदा-नुकसान तो तय हो ही गया है!

     

    जातिगत जनगणना के विरोध में कौनसे दल हैं और समर्थन में कौनसे, यह जगजाहिर है, इसलिए यह तय है कि यह मुद्दा 2024 के लोकसभा चुनाव में अपना असर जरूर दिखाएगा?

    खबरें हैं कि जातिगत जनगणना कराने के लिए पिछले साल 6 जून 2022 को राज्य सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है और याचिका में जातिगत जनगणना के नोटिफिकेशन को रद्द करने की मांग की गई है. यह याचिका बिहार निवासी अखिलेश कुमार ने दाखिल की, जिस पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को राजी हो गया है, अदालत ने इस मामले को 20 जनवरी 2023 को सुनवाई पर लगाने की मंजूरी दी है.

     

    इस याचिका में बिहार में हो रही जाति आधारित जनगणना को चुनौती देते हुए कहा गया है कि- जनगणना कराने का अधिकार केंद्र सरकार को है, राज्य सरकार को जनगणना कराने का अधिकार नहीं है, लिहाजा बिहार सरकार के जाति आधारित जनगणना कराए जाने की अधिसूचना गैर कानूनी और मनमानी कार्यवाही है, इसे रद्द किया जाए.

    खबरों की मानें तो याचिकाकर्ता का कहना है कि- जनगणना केंद्रीय सूची में प्रविष्टि 69 का विषय है, अतः जनगणना के विषय में केंद्र सरकार और संसद को ही अधिकार है.
    देखना होगा कि सबसे बड़ी अदालत इसे लेकर क्या फैसला सुनाती है, क्या निर्देश देती है!

    Share. Facebook Twitter Telegram WhatsApp Copy Link
    Previous Articleअफगानिस्तान: चीन-तालिबान मीटिंग के बीच अफगान विदेश मंत्रालय के बाहर विस्फोट, 20 की मौत
    Next Article उत्तरप्रदेश: शार्ट सर्किट से घर में लगी भीषण आग, महिला और दो बेटियों की जलकर मौत

    Related Posts

    भारत-पाकिस्तान तनाव पर चीन की प्रतिक्रिया का स्वार्थी कनेक्शन

    May 9, 2025

    एक था पाकिस्तान: इतिहास के पन्नों में सिमटता सच

    May 9, 2025

    जेनेरिक दवाएं लिखने के कानूनी आदेश का उजाला

    May 9, 2025

    Comments are closed.

    अभी-अभी

    भारत-पाकिस्तान तनाव पर चीन की प्रतिक्रिया का स्वार्थी कनेक्शन

    एक था पाकिस्तान: इतिहास के पन्नों में सिमटता सच

    जेनेरिक दवाएं लिखने के कानूनी आदेश का उजाला

    राष्ट्र संवाद हेडलाइंस

    टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन को मिला सम्मान

    फादर जेराल्ड मार्टिन डिसूजा मेमोरियल इंटर स्कूल बॉस्केटबॉल टूर्नामेंट 2025 का आयोजन

    ईडी ने कारोबारी विक्की भालोटिया को किया गिरफ्तार

    हम सेना के पराक्रम को सलाम करते हैं:राकेश तिवारी

    हरि मंदिर से चोरी करते एक युवक को स्थानीय लोगों ने रंगे हाथ धर दबोचा

    मोदी के सिंदूर ऑपरेशन से आतंक का आका रोया:डॉक्टर विशेश्वर यादव

    Facebook X (Twitter) Telegram WhatsApp
    © 2025 News Samvad. Designed by Cryptonix Labs .

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.