केंद्रीय बजट में 2014 के बाद बने सभी सभी मेडिकल कॉलेजों में नर्सिंग कॉलेज शुरू करने की घोषणा का मध्य प्रदेश को बड़ा लाभ मिलेगा. इस अवधि के बाद प्रदेश में सात मेडिकल कॉलेज खुले हैं. इनमें खंडवा, दतिया, विदिशा, शहडोल, रतलाम, छिंदवाड़ा और शिवपुरी शामिल हैं. नर्सिंग कालेज खुलने से यहां बीएससी नर्सिंग और एमएससी नर्सिंग पाठ्यक्रम शुरू हो सकेंगे.
प्रदेश में अभी छह मेडिकल कॉलेजों में नर्सिंग के डिग्री पाठ्यक्रम चल रहे हैं. इनमें भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा और सागर के कॉलेज शामिल हैं. मौजूदा कॉलेजों में बीएससी नर्सिंग की सौ से 120 सीटें हैं.
नए कॉलेजों में भी पर्याप्त संसाधन हैं. इस कारण यहां भी इतनी ही सीटों से पाठ्यक्रम शुरू किया जा सकता है. अभी निजी कालेजों में बीएससी नर्सिंग पाठ्यक्रम में प्रतिवर्ष एक से डेढ़ लाख रुपये तक शुल्क लगता है.
पाठ्यक्रम साढ़े चार वर्ष का होता है. नए कॉलेजों में पाठ्यक्रम शुरू होने से प्रावीण्य सूची के अनुसार उम्मीदवारों को प्रवेश मिलेगा. एक लाभ यह होगा कि बंध पत्र के तहत इन सरकारी कॉलेज से निकले विद्यार्थियों को उन सरकारी अस्पतालों में पदस्थ किया जा सकेगा जहां नर्सों की कमी है