दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ झारखंड सरकार ने एकजुटता दर्शायी है. प्रदेश के कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख ने किसान नेता राकेश टिकैत से मुलाकात कर उन्हें झारखंड का पानी पिलाया.मंगलवार देर रात गाजीपुर बॉर्डर पर टिकैत से मुलाकात के बाद बादल पत्रलेख केंद्र सरकार पर जमकर बरसे. उन्होंने कहा कि संसद से पारित तीनों कृषि कानूनों को केंद्र सरकार को तत्काल वापस लेना चाहिए. उन्होंने गाजीपुर में आंदोलन कर रहे किसानों से भी मुलाकात की.कृषि मंत्री ने टिकैत एवं आंदोलन कर रहे तमाम किसानों को झारखंड सरकार की ओर से आश्वासन दिया कि न केवल हेमंत सोरेन सरकार, बल्कि झारखंड के लोग, वहां का पवित्र जल, जंगल और जमीन भी अन्नदाताओं के साथ है.
संवेदनहीन हो गयी है केंद्र सरकार : बादल पत्रलेख
बादल पत्रलेख ने कृषि कानूनों को तत्काल वापस लेने की मांग करते हुए केंद्र सरकार पर सरकार संवेदनहीन होने का आरोप लगाया. कहा कि नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार किसानों के दर्द को नहीं समझ पा रही.श्री पत्रलेख ने कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर सड़कों पर लोहे की कीलें, कंटीले तार एवं सीमेंट की दीवारें बनाकर अन्याय के विरुद्ध शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे अन्नदाताओं को अपने ही देश में दुश्मन जैसा व्यवहार सहना पड़ रहा है.बादल पत्रलेख ने केंद्र सरकार पर किसानों को प्रताड़ित करने का भी आरोप लगाया. झारखंड के कृषि मंत्री ने बॉर्डर पर ही किसानों के साथ देर रात खाना भी खाया. झारखंड के कृषि मंत्री का समर्थन पाकर और उन्हें अपने बीच देख आंदोलन कर रहे किसान काफी उत्साहित हुए.