नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का शनिवार सुबह दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया. वह 66 साल के थे.जेटली की तबीयत पिछले कुछ समय से खराब चल रही थी. अपनी खराब सेहत के चलते उन्होंने सक्रिय राजनीति से खुद को दूर कर लिया था. हालांकि, वह राज्यसभा के सदस्य थे. जेटली का इलाज अमेरिका में हो चुका था. जेटली के निधन का समाचार पाकर देश भर में शोक की लहर दौड़ गई है. गत छह अगस्त को पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का निधन हुआ.
किडनी ट्रांसप्लांट करवा चुके जेटली को कैंसर भी हो गया था।सांस लेने में तकलीफ होने के बाद जेटली 9 अगस्त को एम्स में भर्ती हुए थे।जेटली का सॉफ्ट टिश्यू कैंसर का इलाज चल रहा था। वे इस बीमारी के इलाज के लिए 13 जनवरी को न्यूयॉर्क चले गए थे और फरवरी में वापस लौटे थे। जेटली ने अमेरिका से इलाज कराकर लौटने के बाद ट्वीट किया था- घर आकर खुश हूं। जेटली ने अप्रैल 2018 में भी दफ्तर जाना बंद कर दिया था।14 मई 2018 को एम्स में ही जेटली का गुर्दा प्रत्यारोपण भी हुआ था, वे शुगर से भी पीड़ित हैं। सितंबर 2014 में वजन बढ़ने की वजह से जेटली की बैरियाट्रिक सर्जरी भी कराई गई थी।
भाजपा की जीत के जश्न में शामिल नहीं हुए थे जेटली
जेटली को छह महीने पहले भी जांच के लिए एम्स में भर्ती किया गया था। डॉक्टरों ने उन्हें इलाज के लिए यूके और यूएस जाने की सलाह दी थी। लोकसभा चुनाव में पार्टी की जीत के बाद भाजपा कार्यालय में हुए कार्यक्रम में भी वो नजर नहीं आए थे। उन्होंने कैबिनेट की बैठक में भी हिस्सा नहीं लिया था। मई 2019 में उन्होंने मोदी से कह दिया था कि नई सरकार में वे शामिल नहीं हो पाएंगे। इसके बाद मोदी उनसे मिलने घर पहुंचे थे।