Close Menu
Rashtra SamvadRashtra Samvad
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Rashtra SamvadRashtra Samvad
    • होम
    • राष्ट्रीय
    • अन्तर्राष्ट्रीय
    • राज्यों से
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
      • ओड़िशा
    • संपादकीय
      • मेहमान का पन्ना
      • साहित्य
      • खबरीलाल
    • खेल
    • वीडियो
    • ईपेपर
      • दैनिक ई-पेपर
      • ई-मैगजीन
      • साप्ताहिक ई-पेपर
    Topics:
    • रांची
    • जमशेदपुर
    • चाईबासा
    • सरायकेला-खरसावां
    • धनबाद
    • हजारीबाग
    • जामताड़ा
    Rashtra SamvadRashtra Samvad
    • रांची
    • जमशेदपुर
    • चाईबासा
    • सरायकेला-खरसावां
    • धनबाद
    • हजारीबाग
    • जामताड़ा
    Home » माना युद्ध विनाशक हैं
    साहित्य

    माना युद्ध विनाशक हैं

    Devanand SinghBy Devanand SinghMarch 1, 2019No Comments2 Mins Read
    Share Facebook Twitter Telegram WhatsApp Copy Link
    Share
    Facebook Twitter Telegram WhatsApp Copy Link

    अर्पणा संत सिंह

    माना युद्ध विनाशक हैं
    विध्वंसक हैं
    विभीषिका से पूर्ण हैं
    यह किसी समस्या का समाधान नहीं
    किंतु हर वक्त सहिष्णुता भी निदान नहीं
    अब बस करों
    अपनी कायरता को सहनशीलता का नाम न दों
    अब शांति का आह्वान करों
    आतंक का सर्वनाश करों
    रण करों, अब रण करों

    दुश्मनों के बहकाने पर
    इस कदर आतंक के जूनून में है
    लहू बहाना ही बना लिया है
    मकसद भी
    महजब भी
    अपने लहू को भी लहू मानता नहीं
    उस लहू को कैसे दिखलाएं
    मां भारती के जख्मों को
    सुबह का भूला है
    तो
    शाम तक इंतजार करों
    यदि नहीं
    तो अब बस करों
    देशद्रोही का काम तमाम करो
    अपनी कायरता को सहनशीलता का नाम न दों
    अब शांति का आह्वान करों
    आतंक का सर्वनाश करों
    रण करों, अब रण करों

    सत्य, अहिंसा दया क्षमा धैर्य
    उत्कृष्ट गुण हैं मनुष्य का
    किंतु इसे समझ सकता भी है
    केवल मनुष्य ही
    दुष्टों के समक्ष
    सत्य वचनों का ना उपहास करों
    हमारे धैर्य को वह अपना शौर्य समझ बैठे
    आतंक का दंभ कब तक झेलोगें
    मासूमों का कब तक निर्ममता से रक्त बहने देगें
    अब तो बस करों
    निंदा की निद्रा से जागों
    संघर्ष करों संहार करों
    अपनी कायरता को सहनशीलता का नाम न दों
    अब शांति का आह्वान करों
    आतंक का सर्वनाश करों
    रण करों, अब रण करों

     

    Share. Facebook Twitter Telegram WhatsApp Copy Link
    Previous Articleरघुवर सरकार में भ्रष्टाचार बढ़ा है और अफसरशाही हावी:राकेश तिवारी
    Next Article विंग कमांडर अभिनंदन की रिहाई के समय में बदलाव,अटारी बॉर्डर पर उमड़ा सैलाब

    Related Posts

    युवा कार्यकर्ताओं ने सीखा रिपोर्ट लेखन

    May 23, 2025

    एक मित्र की फेसबुक से :होटल मालिक और वेटर को “श्रेष्ठ नागरिक” सम्मान

    May 17, 2025

    अहिल्याबाई होलकर जी की 300वीं जयन्ती समारोह का भव्य आयोजन

    May 4, 2025
    Leave A Reply Cancel Reply

    अभी-अभी

    गम्हरिया थाना प्रभारी कुणाल की संयम से टली बड़ी घटना  

    आपसी वर्चस्व को लेकर ट्रिपल हत्या

    सोना देवी विश्वविद्यालय के छात्र देवऋषि कश्यप गणतंत्र दिवस आरडीसी कैंप के लिए चयनित

    टाटा स्टील कर्मी कैंसर पीड़ित कृष्ण कुमार ने अपनी पत्नी व दो बेटियों सहित फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली

    डा सुधा नन्द झा ज्यौतिषी जमशेदपुर झारखंड द्वारा प्रस्तुत राशिफल क्या कहते हैं आपके सितारे देखिए अपना राशिफल

    किशोरों में बढ़ रही हिंसक प्रवृत्ति गंभीर चुनौती : ललित गर्ग

    बड़वा गांव की हवेलियों में इतिहास की गूंज: ठाकुरों की गढ़ी से केसर तालाब तक

    ऑपरेशन सिंदूर पर उमर अब्दुल्ला, थरूर और ओवैसी का सरकार के साथ स्टैंड होना कई मायनों में महत्वपूर्ण

    राष्ट्र संवाद हेडलाइंस

    निजी नर्सिंग होम माफिया के कारण बंद होने के कगार पर आयुष्मान योजना

    Facebook X (Twitter) Telegram WhatsApp
    © 2025 News Samvad. Designed by Cryptonix Labs .

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.