क्या हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी से बीजेपी से नाराज हैं आदिवासी वोटर ?
देवानंद सिंह
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने सियासी बिसात बिछानी शुरू कर दी है। बिहार में सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू महागठबंधन छोड़कर वापस एनडीए में आ चुकी है। इसके बीच झारखंड का सियासी परिदृश्य भी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर काफी दिलचस्प दिखाई दे रहा है, क्योंकि झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में जेल में हैं, इसीलिए बिहार के साथ-साथ झारखंड का भी सियासी पारा गरम है, इसका असर दोनों ही राज्यों में लोकसभा चुनाव निश्चित पर देखने को मिलेगा।
हाल ही में कुछ सर्वे भी सामने आए हैं, जिसमें लोकसभा चुनाव में हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी का क्या असर पड़ेगा? ऐसे सवालों को लेकर जनता की राय ली गई, जिसमें अधिकांश आदिवासी लोग बीजेपी से नाराज बताए गए हैं। ऐसे लोगों की संख्या 42 फीसदी है, जबकि 33 फीसदी लोगों ने कहा कि बीजेपी को फायदा होगा वहीं, 6 फीसदी लोगों का मानना था कि इंडिया गठबंधन को फायदा होगा, 6 फीसदी लोगों ने कहा था कि हेमंत सोरेन का सियासी करियर खत्म हो जाएगा और 13 फीसदी लोगों ने कहा कि वे कह नहीं सकते।
झारखंड में लोकसभा की 14 सीटें हैं। गिरफ्तारी से पहले हेमंत सोरेन ने दावा किया था कि इंडिया गठबंधन 14 में से 13 सीटें अपने नाम करेगी, चूंकि अब हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया गया है। ऐसे में, सियासी पारा उफान पर है। उधर, सदन में सत्ता पक्ष का आत्मविश्वास भी देखने को मिला और हेमंत सोरेन का बयान बड़ा बयान भी सामने आया है कि
जमीन की एक भी कागजात विपक्ष सामने रख दे तो मैं राजनीति के साथ-साथ झारखंड से भी सन्यास ले लूंगा इसके बाद से ही गठबंधन के विधायक और झामुमो कार्यकर्ताओं का जोश उफान पर है हेमंत की गिरफ्तारी से संथाल क्षेत्र में भाजपा के लिए मुश्किल होगी, इसीलिए लोकसभा चुनाव को लेकर झारखंड की सियासत दिलचस्प होने वाली है और लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस ने झारखंड में इलेक्शन कमेटी की भी घोषणा कर है। प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, आलमगीर आलम, पूर्व मंत्री बना गुप्ता सुबोध कांत सहाय, बालमुचू सुखदेव, भगत बंधु तिर्की, दीपिका सिंह अशोक चौधरी सहित 33 सदस्यों को टीम की घोषणा कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़के ने की है।
दूसरी तरफ, यह बात भी मायने में रखती है कि राहुल गांधी पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन से मिले हैं, जो मुलाकात पूरे झारखंड में चर्चा का विषय रहा और आदिवासी समुदाय के बीच एक संदेश भी गया, जिसे कांग्रेस पहुंचाना चाह रही थी।
कुल मिलाकर, भारत जोड़ो न्याय यात्रा में कम से कम झारखंड में कांग्रेस को यह सफलता तो मिली है, लेकिन बीजेपी के सामने जिस तरह चुनौती बढ़ी है, वह उसे कैसे हैंडल करती है, यह देखना भी काफी महत्वपूर्ण होगा।
निश्चित ही ऐसी स्थिति में बड़ा भार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और पीएम नरेंद्र मोदी पर पड़ेगा, क्योंकि नरेंद्र मोदी को तीसरी बार पीएम बनने के लिए झारखंड में भाजपा का बेहतर प्रदर्शन कायम रखने की जरुरत है। ऐसे में, झारखंड मे मोदी लहर चलती रहे, यही भाजपा की जरूरत होगी, जबकि हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी से उनके लिए आई सहानुभूति की लहर काटने की जिम्मेदारी पूर्व सीएम व भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को निभानी होगी, जो खुद आदिवासी समुदाय से हैं।