शिलापटों की अनदेखी से नाराज़गी, कार्यकर्ताओं ने उठाई आवाज़ – जिला प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की माँग
जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में बीते वर्षों में नगर विकास एवं आवास विभाग, विधायक निधि एवं अन्य योजनागत मदों से स्वीकृत कई महत्वपूर्ण जनसुविधा से जुड़ी योजनाओं का शिलान्यास तत्कालीन विधायक सह राज्य मंत्री बन्ना गुप्ता द्वारा विधिवत रूप से किया गया था। इन योजनाओं में नागरिक सुविधाओं का विस्तार, सड़क चौड़ीकरण, सुदृढ़ीकरण तथा परिवहन व्यवस्था में सुधार जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाएँ शामिल थीं।
आदर्श आचार संहिता के चलते कार्य रुके, अब हो रहा है शिलापटों से छेड़छाड़
विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही लागू हुई आदर्श आचार संहिता के कारण इन योजनाओं पर कार्य रुक गया था। परंतु अब, जब कार्य पुनः गति पकड़ चुका है और कार्यकारी एजेंसियाँ – जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति एवं मानगो नगर निगम – इन योजनाओं को आगे बढ़ा रही हैं, तब एक गंभीर आरोप सामने आया है।
स्थानीय लोगों और पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है कि इन योजनाओं के शिलान्यास में जिन शिलापटों पर बन्ना गुप्ता का नाम अंकित है, उन्हें या तो लगाया नहीं गया है, या कार्य स्थल से हटा दिया गया है।
राजनीतिक पूर्वाग्रह का आरोप, प्रशासन पर पक्षपात की आशंका
कार्यकर्ताओं का आरोप है कि यह कार्य जानबूझकर राजनीतिक पूर्वाग्रह के तहत किया जा रहा है। कार्यकारी एजेंसियाँ वर्तमान विधायक के प्रभाव में आकर, उनके विरोधी पूर्व विधायक एवं वर्तमान मंत्री बन्ना गुप्ता द्वारा शिलान्यासित योजनाओं के शिलापटों को हटा रही हैं। इस कार्य को राजनीतिक चापलूसी की संज्ञा देते हुए लोगों में गहरा आक्रोश देखा जा रहा है।
शिलापटों को उचित स्थान पर स्थापित किया जाए
स्थानीय निवासियों और पार्टी कार्यकर्ताओं ने इस विषय को लेकर माननीय उपायुक्त से निवेदन किया है कि वे इस विषय में तत्काल संज्ञान लेते हुए संबंधित एजेंसियों – जमशेदपुर अक्षेस एवं मानगो नगर निगम – को स्पष्ट निर्देश जारी करें, ताकि शबन्ना गुप्ता द्वारा जिन योजनाओं का विधिवत शिलान्यास किया गया था, उनके शिलापटों को यथास्थान पर स्थापित किया जा सके। अगर एक सप्ताह के अंदर इसको नहीं किया जाता है आंदोलन की चेतावनी, प्रशासन पर जवाबदेही तय करने की माँग
कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन इस विषय पर त्वरित कार्रवाई नहीं करता है, तो वे स्थानीय नागरिकों के साथ सड़कों पर उतरने के लिए बाध्य होंगे। इस स्थिति में उत्पन्न होने वाले किसी भी जनविरोध या अशांति के लिए पूरी जवाबदेही जिला प्रशासन की होगी।