बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी जलापूर्ति योजना में आया नया मोड़ — कई वर्षों के बाद प्रचुर मात्रा में पानी आने की उम्मीद की बौछार, अवैध कनेक्शन पर चलेगा बुलडोजर, सत्य की लड़ाई में विजय हुई तय
बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी के 1140 क्वार्टर में रह रहे हजारों लोगों के लिए एक सुखद समाचार सामने आया है। विगत कई वर्षों से जल संकट से जूझ रही इस कॉलोनी को अब नियमित एवं पर्याप्त जलापूर्ति मिलने की प्रबल संभावना बनी है। यह संभव हुआ है बागबेड़ा मंडल कांग्रेस अध्यक्ष राजनारायण यादव की वर्षों की संघर्षपूर्ण प्रयासों और सत्य के लिए लड़ाई की बदौलत।
*पेयजल संकट और प्रशासनिक निष्क्रियता
बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी झारखंड के जमशेदपुर क्षेत्र का एक घनी आबादी वाला इलाका है, जहां गर्मी के मौसम में जल संकट की स्थिति भयावह हो जाती है। लंबे समय से स्थानीय निवासियों को प्रतिदिन पानी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ता था। एक ओर जहां लोग पीने के पानी के लिए भटकते थे, वहीं दूसरी ओर योजनाओं की फाइलें केवल टेबल से टेबल घूमती रहीं।
*अब कार्रवाई का समय*
पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल, आदित्यपुर के कार्यपालक अभियंता सुमित कुमार ने इस दिशा में सख्त कदम उठाते हुए बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी पाइप जलापूर्ति योजना को अपने अधीन लेकर तत्कालीन समाधान की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जारी पत्र में तीन महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए हैं:
1. *अवैध जल संयोजन की पहचान एवं कार्रवाई:*
बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी जलापूर्ति योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत अवैध रूप से किए गए सभी गृह जल संयोजनों की पहचान की जाएगी। चिन्हित किए गए अवैध कनेक्शनों को तत्काल प्रभाव से विच्छेदित (डिस्कनेक्ट) किया जाएगा। इसके साथ ही, नियमानुसार दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी, ताकि भविष्य में इस प्रकार की अनियमितताओं पर रोक लगाई जा सके।
2. *जल संयोजन हेतु पूर्व स्वीकृति आवश्यक:*
किसी भी नए जल संयोजन (Water Connection) से पूर्व संबंधित सहायक अभियंता एवं कनीय अभियंता, पेयजल एवं स्वच्छता अवर प्रमंडल, जुगसलाई से अनुमोदन (Approval) लेना अनिवार्य होगा। बिना अनुमोदन के किया गया कोई भी जल संयोजन अवैध माना जाएगा। ऐसी स्थिति में यदि किसी भी प्रकार की विषम परिस्थिति अथवा कानूनी कार्रवाई उत्पन्न होती है, तो उसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी ग्राम जल स्वच्छता समिति की होगी।
3. *व्यय हेतु पूर्व अनुमति अनिवार्य:*
ग्राम जल स्वच्छता समिति द्वारा किसी भी प्रकार का व्यय (Expenditure) करने से पूर्व कनीय अभियंता, पेयजल एवं स्वच्छता अवर प्रमंडल, जुगसलाई से लिखित सहमति एवं अनुमोदन प्राप्त करना अनिवार्य होगा। बिना अनुमोदन के कोई भी व्यय अनुमेय नहीं होगा और ऐसी स्थिति में समिति को उत्तरदायी ठहराया जाएगा।
*भ्रष्टाचार की जड़ें और ‘मुखिया मॉडल’*
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि कॉलोनी में करीब 500 अवैध जल कनेक्शन पूर्व में मुखिया राजकुमार गौड़ द्वारा दे दिए गए थे। न तो संबंधित कागजात, न सिक्योरिटी मनी और न ही विभागीय अनुमोदन, सीधे पाइपों में छेद कर अवैध रूप से जल की चोरी की गई। लोगों की शिकायतों के बावजूद मुखिया ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। परिणामस्वरूप, सैकड़ो वैध निवासियों को एक बूंद पानी भी नसीब नहीं हो रही थी। यहां तक कि दो टाइम की जल आपूर्ति अब केवल एक टाइम हो गई है — वह भी कई घरों जैसे कुंवर सिंह मैदान रोड नंबर 3 एवं रोड नंबर 6 तक नहीं पहुंच रही है।
*संघर्ष की मिसाल बने राजनारायण यादव*
इस पूरे घटनाक्रम में बागबेड़ा मंडल कांग्रेस अध्यक्ष राजनारायण यादव ने संघर्ष और साहस की मिसाल पेश की। लगातार जिला उपायुक्त, डीडीसी, पेयजल विभाग के अधिकारियों से पत्राचार और मुलाकात कर उन्होंने इस मुद्दे को धार दी। उन्हें धमकियां मिलीं, दबाव बनाया गया, लेकिन वे डटे रहे। उन्होंने कहा – “अगर मुझे जेल भी जाना पड़े, तब भी बागबेड़ा के लोगों के हक के लिए लड़ता रहूंगा। भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
*फिल्मी अंदाज़ में आया नायक*
जैसे किसी फिल्म में जब अंधेरा होता है तो नायक की एंट्री होती है, वैसे ही इस भ्रष्टाचार के अंधेरे में राजनारायण यादव की एंट्री ने रोशनी की उम्मीद जगाई है। उनके प्रयासों से अब विभागीय अधिकारियों ने स्वयं माना है कि पाइप जलापूर्ति योजना का क्रियान्वयन अब आदित्यपुर प्रमंडल के तहत किया जाएगा और हर घर तक पानी पहुंचाना उनकी प्राथमिकता होगी।
*अब उम्मीद की बारी*
इस योजना के तहत हर घर को कनेक्शन के लिए 1050 रुपये का सिक्योरिटी मनी और वैध दस्तावेज़ जमा करने होंगे। अधिकृत रजिस्टर्ड प्लंबर के माध्यम से ही कनेक्शन मिलेगा और मासिक ₹100 शुल्क जल सहिया को देना होगा। यह प्रक्रिया पारदर्शिता की ओर पहला कदम है।
भविष्य की राह और जवाबदेही
अब समय आ गया है कि पेयजल और स्वच्छता विभाग इस योजना की निगरानी करे, और जनता की शिकायतों को प्राथमिकता से सुने। इसके साथ ही, भ्रष्टाचार में संलिप्त सभी अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी जनसेवा को निजी स्वार्थों से न मोड़े।
*समाप्ति वाक्य*
बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी के लोग अब आस की नज़र से पानी की हर बूँद को देख रहे हैं। जल ही जीवन है — और यह जीवन अब केवल विशेष लोगों की संपत्ति नहीं, बल्कि हर नागरिक का अधिकार है। इस न्यायपूर्ण संघर्ष की जीत बागबेड़ा कॉलोनी की जनता की जीत है। यह सिर्फ एक पानी की लड़ाई नहीं, बल्कि एक ईमानदारी की उम्मीद है जो आने वाले कल को बेहतर बनाएगी।