जमशेदपुर राज्य के वित्त रहित शिक्षा नीति के खिलाफ राज्य के वित्त रहित शिक्षकों ने खोला मोर्चा
गोलमुरी उत्कल समाज उच्च विद्यालय के द्वार के सामने झारखंड सरकार के वित्त रहित शिक्षा नीति के विरुद्ध एक दिवसीय हड़ताल
जमशेदपुर राज्य के वित्त रहित शिक्षा नीति के खिलाफ राज्य के वित्त रहित शिक्षकों ने मोर्चा खोल दिया है. सोमवार को राज्य के सभी वित्त रहित स्कूलों के समक्ष शिक्षकों ने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर सरकार से वित्त रहित शिक्षा नीति में संशोधन करने की मांग की. वहीं आगामी 21 दिसंबर को राज्य स्तरीय धरना प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ रांची में आंदोलन करने की चेतावनी दी. इधर जमशेदपुर में भी वित्त रहित स्कूलों के समक्ष शिक्षकों ने धरना प्रदर्शन कर वित्त रहित शिक्षा नीति समाप्त करने की मांग की. बता दें कि जमशेदपुर में करीब 500 वित्त रहित शिक्षक हैं, जबकि पूरे राज्य में करीब 30000 वित्त रहित शिक्षक हैं. शिक्षकों ने बताया कि पिछले 2 साल से राज्य के वित्त रहित स्कूलों को अनुदान नहीं दिया गया है. ना ही वित्त रहित स्कूलों के शिक्षकों को अनुदान दिया जा रहा. है जिससे उनकी माली हालत अत्यंत ही दयनीय हो चुकी है. प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों ने सरकार से उन्हें नियमित भत्ता देने एवं सेवानिवृत्ति की उम्र 62 साल करने की मांग की है. शिक्षकों ने बताया कि वे करीब 30 साल से अपनी सेवा दे रहे हैं, मगर सरकार की ओर से उन्हें कोई अतिरिक्त सुविधा नहीं दिया जा रहा है, जिससे जीवन यापन कठिन हो गया है.
गोलमुरी उत्कल समाज उच्च विद्यालय के द्वार के सामने झारखंड सरकार के वित्त रहित शिक्षा नीति के विरुद्ध एक दिवसीय हड़ताल
जिसमें विद्यालय के सभी शिक्षक/शिक्षिकाएं तथा प्रधानाध्यापक सहित अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे ।विद्यालय के सभी पठन -पाठन को बंद रखा गया, तथा आगे की रणनीति के लिए बताए गए मार्ग दर्शन पर तैयार रहने को कहा गया।
सभी शिक्षक/शिक्षिकाएं सरकार के वित्त रहित शिक्षा निति के विरुद्ध नारे लगाए, हड़ताल शांति पूर्वक भाव से 4:00 बजे तक चलेगा। उपस्थित सभी कर्मचारियों में अवनी कुमार दत्ता ,मिर्नभा साहु, सत्यजीत दास , त्रिलोचन गोप, तृप्ति रानी बेरा, सागरिका बेहुरा छोटी कुमारी, निक्की कुमारी, गायत्री बेहेरा विजय कुमार सहित उत्कल समाज के सचिव प्रदीप कुमार जेना और अध्यक्ष अनंत नारायण पाढ़ी शामिल थे।