नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत को अनिवार्य रूप से बाजरा की वैश्विक राजधानी बनने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने यह बात मंगलवार को नई दिल्ली में ‘ मिलेट्स-स्मार्ट नूट्रिटिव फूड ‘ कान्क्लेव के दौरान कही। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मिलेट्स-स्मार्ट नूट्रिटिव फूड कान्क्लेव और कान्क्लेव के दौरान आयोजित किए जा रहे बाजरा पर पहले अंतरराष्ट्रीय क्रेता-विक्रेता बैठक से देश को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष – 2023 ( आईवाईओएमम – 2023 ) के लिए तैयारी करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि यूएन ने भारत के आग्रह पर 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में स्वीकार किया है जिसे 70 से अधिक देशों द्वारा समर्थन प्रदान किया गया।
गोयल ने जी20 के तथा शंघाई सहयोग संगठन ( एससीओ ) की भारत की प्रेसीडेंसी को संदर्भित किया और कहा कि नेतृत्व का यह दायित्व निश्चित रूप से वैश्विक मंच पर भारत के बढ़ते कद को परिलक्षित करता है।
केंद्रीय मंत्री ने उल्लेख किया कि भारत ने 2018 में अपना बाजरा वर्ष मनाया था और कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने निरंतर बाजरा को एक ऐसे भोजन के रूप में बढ़ावा दिया है, जो पोषण को भारत तथा विश्व के सुदूरतम हिस्सों तक ले जाने में मदद करेगा। उन्होंने विचार व्यक्त किया कि विश्व ने भारत द्वारा योग से लेकर बाजरा तक की गई कई पहलों को स्वीकार किया है,जो प्रधानमंत्री के वैश्विक नेतृत्व तथा दुनिया भर में भारत गाथा को बढ़ावा देने की उनकी कोशिशों की सफलता को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।
वणिज्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा ‘ लाइफ – पर्यावरण के लिए जीवन शैली ‘ के लिए दिए गए आह्वान को भी पूरे विश्व में प्रतिध्वनित किया गया जिससे इसका अहसास हुआ कि और अधिक टिकाऊ जीवन शैली के लिए निश्चित रूप से इसे अपनाया जाना चाहिए। उन्होंने रेखांकित किया कि विश्व उल्लेखनीय वैश्विक समस्याओं, चाहे वह जलवायु परिवर्तन हो, रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष हो, के समाधान के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व से अपेक्षा कर रहा है। गोयल ने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री श्री मोदी सामूहिक वैश्विक खाद्य की दिशा में काम कर रहे हैं तथा वैश्विक समस्याओं का समाधान कर रहे हैं और बाजरा भी एक ऐसी ही पहल है जो कुपोषण की वैश्विक समस्या को हल करेगी और इस किफायती खाद्य को दुनिया के दूसरे हिस्सों में ले जाएगी जहां हम कुपोषण या खाद्य सुरक्षा की समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
उन्होंने एपीडा द्वारा अब तक किए गए उल्लेखनीय कार्यों के लिए उसकी सराहना की और विश्वास जताया कि उसके प्रयासों से भारतीय बाजरा को पूरी दुनिया में बढ़ावा देने और भारत को अंतरराष्ट्रीय बाजारों से जोड़ने में मदद मिलेगी। गोयल ने इस प्रकार के कई और अंतरराष्ट्रीय क्रेता-विक्रेता बैठकों, फूड फेस्टिवलों , बाजरा से जुड़ी पाक कला प्रतियोगिताओं के आयोजन की अपील की और कहा कि बाजरा को मिड डे मील प्रोग्राम का भी हिस्सा बनाया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि केंद्र द्वारा बाजरा पर काम कर रहे लगभग 250 स्टार्टअप्स की सहायता की जा रही है और यह भी कहा कि भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान बाजरा पर स्टार्टअप्स को इनक्यूबेट करती रही है। उन्होंने सुझाव दिया कि भारतीय पैकेजिंग संस्थान को बाजरा तथा बाजरा उत्पादों पर नवोन्मेषण करने और पैकेजिंग में सुधार लाने के लिए शामिल किया जा सकता है।