नई दिल्ली: मोदी सरकार की सत्ता में फिर वापसी होता देख स्विस बैंक भी सक्रियता दिखाता नजर आ रहा है. भारत का काला धन वापस भिजवाने की दिशा में आगे बढ़ेते हुए स्विस बैंक ने काले धन के संदिग्ध 1 दर्जन भारतीयों अकाउंट होल्डर्स को नोटिस जारी किए गए हैं. मार्च से लेकर अब तक कम से कम 25 भारतीय अकाउंट होल्डर्स को नोटिस जारी कर स्विस अधिकारियों ने भारत के साथ उनकी जानकारी शेयर करने से जुड़ी आपत्ति मांगी है. नोटिस में स्विट्जरलैंड ने भारतीय क्लायंट्स को इंफर्मेशन शेयरिंग के खिलाफ अपील का आखिरी मौका दिया है. स्विस बैंकों के विदेशी क्लायट्ंस की जानकारी शेयर करने वाली स्विट्जरलैंड सरकारी एजेंसी फेडरल टैक्स ऐडमिनिस्ट्रेशन के एनालिसिस करने पर पता चलता है कि हाल के महीनों में कई देशों के साथ जानकारी शेयर करने के प्रयासों में वहां की सरकार की तरफ से तेजी दिखाई गई है. हालांकि भारत से जुड़े इस तरह मामलों में पिछले कुछ हफ्तों में ही तेजी देखी जा रही है. जानकारी के अनुसार, केवल 21 मई को ही कम से कम 11 भारतीयों को नोटिस जारी किया गया है. स्विस बैंक के गैजेट नोटिफिकेशन में कई लोगों के पूरे नाम की उल्लेख तो नहीं है, लेकिन उनकी जन्मतिथि और नागरिकता बताई गई है. हालांकि इसमें 2 भारतीय नामों का खुलासा किया गया है, कृष्ण भगवान रामचंद, जिनकी जन्मतिथि-मई, 1949 और कल्पेश हर्षद किनारीवाला, जिनकी जन्मतिथि-सितंबर 1972 के नामों का इसमें उल्लेख है. इनलोगों के बारे में और ज्यादा जानकारी स्विस एजेंसियों की तरफ से नहीं दी गई है. बाकी नामों का उल्लेख केवल उनकी जन्मतिथ के अनुसार किया गया है. नोटिफिकेशन में सभी को 30 दिन की मोहलत दी गई है. इसमें कहा गया है कि पर्याप्त डॉक्युमेंट्स के साथ भारत के साथ ‘प्रशासनिक सहयोग’ के लिए जानकारी शेयर करने के खिलाफ सभी 30 दिन के अंदर अपील कर सकते हैं. इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि स्विट्जरलैंड इन क्लायंट्स की जानकारी भारतीय एंजेसियों के साथ जल्द ही शेयर कर सकता है. 7 मई को भारतीय नागरिक रतन सिंह चौधरी को भी इसी तरह का नोटिस भेजा गया था और 10 दिनों के अंदर अपील करने को कहा गया था. इसके अलावा कुलदीप सिंह धींगरा अनिल भारद्वाज आदि को भी इसी तरह को नोटिस जारी किया जा चुका है. माना जाता है कि इन नामों में से कई का उल्लेख एचएसबीसी और पनामा पेपर्स की लिस्ट में भी है.