चैम्बर भवन में जमशेदपुर के विभिन्न क्षेत्र के बाजारों के व्यापारियों ने आकर सैरात बाजार के बढ़े किरायों में उपायुक्त न्यायालय से स्टे मिलने पर चैम्बर पदाधिकारियों को किया सम्मानित
सैरात बाजार अंतर्गत दुकानों का किराया वद्धि किया गया स्थगित
▪️उपायुक्त- सह- जिला दण्डाधिकारी के कार्ट के आदेश के आलोक में समीक्षा हेतु कमिटी का किया गया गठन
उपायुक्त- सह- जिला दण्डाधिकारी श्रीमती विजया जाधव के कोर्ट द्वारा जमशेदपुर में सैरात की जमीन पर बने दुकानों के किराया वृद्धि को स्थगित रखने का आदेश दिया गया है । उपायुक्त- सह- जिला दण्डाधिकारी द्वारा अपर जिला दण्डाधिकारी (विधि व्यवस्था), अपर उपायुक्त, विशेष पदाधिकारी जेएनएसी, अंचलाधिकारी गोलमुरी सह जुगसलाई, साक्ची तथा कदमा के दुकान समिति के अध्यक्ष को सम्मिलित करते हुए एक कमिटी का गठन किया गया है । गठित कमिटी किराया वृद्धि की समीक्षा हेतु बैठक कर उपायुक्त- सह- जिला दण्डाधिकारी को प्रतिवेदन समर्पित करेगी । गौरतलब है कि लगभग 50 वर्ष से ज्यादा समय पूर्व टाटा कंपनी ने सैरात की जमीनों पर दुकान बनाकर आवंटित किया गया था । सैरात दुकानों के किराया वृद्धि को लेकर दुकानदारों के एक प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त- सह- जिला दण्डाधिकारी से मुलाकात कर अपनी बात रखी थी ।
चैम्बर भवन में जमशेदपुर के विभिन्न क्षेत्र के बाजारों के व्यापारियों ने आकर सैरात बाजार के बढ़े किरायों में उपायुक्त न्यायालय से स्टे मिलने पर चैम्बर पदाधिकारियों को किया सम्मानित
पिछले दिनों जेएनएसी द्वारा टाटा स्टील से जमशेदपुर के बिष्टुपुर, साकची, गोलमुरी, टेल्को, कदमा, सोनारी इत्यादि क्षेत्र के सैरात बाजारों की जिम्मेदारी अपने हाथों में लेने के बाद दुकानों के किरायें में अप्रत्याशित रूप में 700 गुना तक वृद्धि कर दी गई थी जिसे वापस लेने हेतु सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के नेतृत्व में विभिन्न बाजारों के व्यापारियों ने उपायुक्त न्यायालय में अपील दायर की थी। इस अपील पर उपायुक्त न्यायालय ने संज्ञान लेते हुये बढ़े हुये किरायों को वसूलने पर स्टे लगा दिया है। इसी खुशी में आज विभिन्न क्षेत्र के बाजारों के सैकड़ों व्यापारियों ने गाजे-बाजे के साथ चैम्बर पहुंचकर खुशी जाहिर की तथा चैम्बर पदाधिकारियों का माला पहनाकर अभिनंदन करते हुये उन्हें सम्मानित किया। इस मौके पर व्यापारियों ने कहा सिंहभूम चैम्बर ने व्यापारियों के हित में जो कदम उठाया और आंदोलन का बिगुल फूंका उसी का परिणाम है इसपर आज उपायुक्त न्यायालय ने स्टे लगा दिया है। इससे उन सभी व्यापारियों का भी हित हुआ है जो चैम्बर सदस्य नहीं है। चैम्बर अध्यक्ष ने इस आंदोलन के तहत चैम्बर में आयोजित पहली मीटिंग में यह घोषणा की थी कि चैम्बर केवल अपने सदस्यों के हित के लिये ही नहीं बल्कि पूरे व्यापारी वर्ग के हित के लिये कार्य करने के लिये प्रतिबद्ध है। व्यापारियों ने कहा कि इससे चैम्बर में हमारी आस्था और मजबूत हुई है कि अगर कभी भी व्यापारियों के विरूद्ध कोई गलत नीति अपनाई जायेगी तो चैम्बर नेतृत्वकर्ता के रूप अपनी भूमिका निभायेगा और अंजाम तक पहुंचायेगा।
ज्ञातव्य है कि जब जे.एनए.सी के द्वारा सैरात बाजारों के दुकानों के किराये में अप्रत्याशित रूप से सैकड़ों गुना वृद्धि कर दी गई थी तो दुकानदारों ने सर्वप्रथम चैम्बर में अपनी आस्था प्रकट करते हुये पहली बैठक चैम्बर अध्यक्ष विजय आनंद मूनका के नेतृत्व में चैम्बर भवन में आयोजित कर चैम्बर को इसके विरूद्ध आंदोलन करने में नेतृत्व करने का आग्रह किया था। तब चैम्बर पदाधिकारियों ने विभिन्न बाजारों के व्यापारियों के साथ बैठक कर आंदोलन की रणनीति बनाई। उपायुक्त महोदया के साथ मुलाकात विरोध दर्ज कराई। और उपायुक्त न्यायालय में अपील दायर किया था
आज इस मौके पर अध्यक्ष विजय आनंद मूनका ने कहा कि यह सिंहभूम की जीत नहीं है बल्कि जमशेदपुर के व्यापारियों की जीत है और उनके सहयोग से संभव हुआ है। उन्होंनें कहा कि भविष्य में अगर व्यापारी हित में चोट पहुंचाई जायेगी तो चैम्बर आगे आकर इसके विरोध में खड़ा होकर गलत नीतियों के विरूद्ध आंदोलन को धार देगा।
उपाध्यक्ष मुकेश मित्तल ने कहा कि यह खुशी की बात है आज उपायुक्त न्यायालय के द्वारा सैरात बाजारों के दुकानदारों को चोट पहुंचाने वाले दुकानों के किराये में अप्रत्याशित सैकड़ों गुना वृद्धि पर स्टे लगा दिया गया है।
मानद महासचिव ने भी व्यापारियों को संबोधित करते हुये कहा कि आपका सहयोग ही हमें मजबूती प्रदान करता है। हमें यूं ही व्यापारी एकता बनाये रखनी है।
आज के कार्यक्रम में चैम्बर अध्यक्ष विजय आनंद मूनका, मानद महासचिव मानव केडिया, उपाध्यक्ष मुकेश मित्त, सचिव पीयूष चौधरी, व्यापारी राजू साहू, सुरेश गुप्ता, बिनय चक्रवर्ती, शंकर प्रसाद, उमेश प्रसाद, गिरधारी मोदी, किशोरी लाल, सोमनाथ तिवारी, विशाल राजा, प्रवीर राज, उमाशंकर, विशाल अग्रवाल, संतोष अग्रवाल, रमेश शर्मा, हेमन्त सिंह, महादेव लाल, विजय अग्रवाल, बालेश्वर प्रसाद कुशवाहा, रमेश गुप्ता, बलदेव सिंह, हरप्रीत सिंह, प्रतापचन्द्र बघेला, अमर सिंह, राकेश गुप्ता, इन्द्रजीत सिंह बिन्द्रा, राजू पांडे, बिष्णुशंकर केसरी, निरंजन गौतम, कैलाश अग्रवाल, महावीर मोदी के अलावा जमशेदपुर के विभिन्न बाजारों के सैकड़ों व्यापारी दुकानदार मौजूद थे।