पूर्वी सिंहभूम जिला कांग्रेस कमिटी के द्वारा जमशेदपुर उपायुक्त कार्यालय के समक्ष जिला कांग्रेस एवं युवा कांग्रेस के तरफ से ED के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए जिले के उपायुक्त महोदय को ज्ञापन दिया गया ज्ञात हो कि राहुल गांधी जो को ED ने तलब किया था जिसके विरोध में पूरे भारत मे कांग्रेसियों ने विरोध प्रदर्शन किया गया आज इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष विजय खाँ,युवा कांग्रेस प्रदेश महासचिव राकेश साहू सत्यम सिंह शिवनंदन सिंह शिबू युवा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष नीरज सिंह लीगल सेल के चेयरमैन संजय प्रसाद ग्रामीण प्रखंड के संयोजक सुल्तान अहमद भवानी सिंह साकची प्रखंड अध्यक्ष राहुल गोस्वामी शाहिद इकबाल महिला कांग्रेस अध्यक्ष उषा यादव सुमित्रा पांडा जफर अहमद गुरदीप सिंह समेत कई लोग मौजूद थे
जिला अध्यक्ष विजय खान द्वारा राज्यपाल को लिखे पत्र की हूबहू कॉपी नीचे
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सेवा में
महामहिम राज्यपाल महोदय
रांची, झारखंड
द्वारा – उपायुक्त
विषय : अखिल भारतीय कॉंग्रेस कमिटी की अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी एवं कॉंग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी जी को पक्षपात पूर्ण रवैया अपनाते हुए प्रवर्तन निदेशालय के द्वारा सम्मन जारी किए जाने के विरोध में ज्ञापन
महोदय,
ज्ञात हो कि देश को गुमराह करने के लिए आए दिन मुद्दों को भटकाने की राजनीति की माहिर मोदी सरकार बदले की भावना में अंधी हो गयी है इस बार उन्होंने एक ‘‘कायराना व डरपोक साजिश रची है। नेशनल हेराल्ड मामले में अब प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस अध्यक्षा, श्रीमती सोनिया गांधी व श्री राहुल गांधी को प्रवर्तन निदेशालय (ई डी) से सम्मन जारी करवाया है काँग्रेस पार्टी एक सजग राजनैतिक दल है पार्टी कानून एवं संविधान सम्मान करती है इसलिए हम बदनीयती से की गयी इस कारवाई का विरोध करते हैं l
अखिल भारतीय कॉंग्रेस कमिटी के निर्देशानुसार हमारा राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम के तहत झारखण्ड प्रदेश काँग्रेस कमिटी के तत्वाधान मे रांची में प्रवर्तन निदेशालय के प्रांतीय मुख्यालय का घेराव प्रदर्शन कार्यक्रम 13 जून को प्रस्तावित था पर झारखण्ड की राजधानी रांची में वर्तमान में निषेधाज्ञा लागू है इसलिए पार्टी ने संवेदनशील निर्णय लिया कि आज हम जिला मुख्यालय में सांकेतिक प्रदर्शन कर संबंधित जिला उपायुक्त के माध्यम से आपको ज्ञापन सौंप रहे हैं l
हम महामहिम के माध्यम से इस पूरे मामले के सच को सामने लाना चाहते हैं :-
1. नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र की स्थापना पं. जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, श्री पुरुषोत्तम टंडन, आचार्य नरेंद्र देव, श्री रफी अहमद किदवई और अन्य नेताओं द्वारा वर्ष 1937 में की गई, ताकि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड नामक कंपनी को स्थापित करके देश में स्वतंत्रता आंदोलन को आवाज दी जा सके। 1942 से 1945 तक अंग्रेजों द्वारा ‘‘भारत छोड़ो’’ आंदोलन के दौरान इस समाचार पत्र को प्रतिबंधित कर दिया गया था, जिसे महात्मा गांधी ने ‘‘राष्ट्रीय आंदोलन के लिए एक त्रासदी’’ के रूप में वर्णित किया था।
इस समाचार पत्र की संपादकीय उत्कृष्टता के बावजूद, नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र निरंतर आर्थिक रूप से घाटे में जाता गया, जिसके परिणाम स्वरूप इसके द्वारा देय बकाया राशि 90 करोड़ रुपए तक पहुंच गई। इस संकट में फंसे नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र की सहायता के लिए कांग्रेस पार्टी ने वर्ष 2002 से लेकर 2011 के दौरान लगभग 100 किश्तों में इसे 90 करोड़ रुपये का ऋण दिया। इसमें महत्वपूर्ण ध्यान देने वाली बात यह है कि इस 90 करोड़ रुपए की राशि में से नेशनल हेराल्ड ने 67 करोड़ रुपए अपने कर्मचारियों के वेतन और वीआरएस का भुगतान करने के लिए उपयोग किए और बाकी की राशि बिजली शुल्क, गृह कर, किरायेदारी शुल्क और भवन व्यय आदि जैसी सरकारी देनदारियों के भुगतान के लिए इस्तेमाल की गई।
बीजेपी में बैठे लोग और उनके हितैषी, जो कि नेशनल हेराल्ड को दिए गए इस 90 करोड़ रुपये के ऋण को अपराधिक कृत्य के रूप में मान रहे हैं, ऐसा वह विवेकहीनता और दुर्भावना से अभिप्रेत होकर कह रहे हैं। यह सर्वथा अस्वीकार्य है।
2 किसी भी राजनीतिक दल द्वारा ऋण देना भारत में किसी भी कानून के तहत एक आपराधिक कृत्य नहीं है। फिर, कांग्रेस पार्टी द्वारा एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (1937 से कांग्रेस पार्टी से निकटता से जुड़ी और कांग्रेस की विचारधारा का समर्थन करने वाली कंपनी) को समय-समय पर कुल 90 करोड़ रुपये का ऋण देना कैसे एक आपराधिक कृत्य माना जा सकता है? इस ऋण को विधिवत रूप से कांग्रेस पार्टी के खातों की किताबों में दर्शाया गया था, जिसका विधिवत लेखा-जोखा किया गया और भारत के चुनाव आयोग को प्रस्तुत भी किया गया। यहां तक कि चुनाव आयोग ने दिनांक 06.11.2012 के अपने एक पत्र के माध्यम से सुब्रमण्यम स्वामी को यह स्पष्ट करते हुए लिखा था कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो किसी राजनीतिक दल द्वारा खर्च को प्रतिबंधित या नियंत्रित करता हो। इस प्रकार, स्वामी/भाजपा द्वारा लगाया गया आपराधिक कृत्य का आरोप स्पष्ट रूप से असत्य है।
3 नेशनल हेराल्ड को दिया गया यह 90 करोड़ रुपए का ऋण नेशनल हेराल्ड और उसकी मूल कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड द्वारा चुकाना संभव नहीं था। इसलिए, इस 90 करोड़ रुपए के ऋण को एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के इक्विटी शेयरों में परिवर्तित कर दिया गया था। चूंकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इक्विटी शेयरों का स्वामित्व अपने पास नहीं रख सकती थी, इसलिए इस इक्विटी को सेक्शन-25 के अंतर्गत स्थापित ‘‘यंग इंडियन’’, नामक नॉट-फॉर-प्रॉफिट कंपनी को आवंटित कर दिया गया। श्रीमती सोनिया गांधी, श्री राहुल गांधी, स्वर्गीय श्री ऑस्कर फर्नांडीस, स्वर्गीय श्री मोतीलाल वोरा, श्री सुमन दुबे आदि इस ‘‘नॉट-फॉर-प्रॉफिट कंपनी की प्रबंध समिति के सदस्य हैं। ‘‘नॉट-फॉर-प्रॉफिट’’ की अवधारणा पर स्थापित किसी भी कंपनी के शेयर धारक/प्रबंध समिति के सदस्य कानूनी रुप से कोई लाभांश, लाभ, वेतन या अन्य वित्तीय लाभ नहीं ले सकते हैं। इसलिए, श्रीमती सोनिया गांधी /श्री राहुल गांधी या श्यंग इंडियनश् में किसी अन्य व्यक्ति द्वारा किसी भी प्राप्ति या वित्तीय लाभ का प्रश्न हीनहीं उठता। इसलिए स्वामी/भाजपा का अवैध प्राप्ति या लाभ या वित्तीय अर्जन का दावा स्वाभाविक रुप से असत्य है।
4 नेशनल हेराल्ड की समग्र आय और सभी संपत्तियां एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की अनन्य संपत्ति बनी हुई हैं। कारण बहुत सरल है। संपत्ति का स्वामित्व कंपनी, यानी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के पास है, किसी शेयर धारक के पास नहीं। एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की किसी भी चल या अचल संपत्ति को किसी ने भी स्थानांतरित नहीं किया है और न ही ‘‘यंग इंडियन’’ ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड से एक भी रुपया निकाला है। भले ही ‘‘यंग इंडियन’’ एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को नियंत्रित करता है (क्योंकि इसके पास इसके 99 प्रतिशत शेयर हैं), यह अपने प्रबंध समिति के किसी भी सदस्य को एक भी रुपया नहीं दे सकता क्योंकि यह एक नॉट-फॉर-प्रॉफिट कंपनी है।
भले ही अगर प्रबंध समिति के सदस्यों द्वारा ‘‘यंग इंडियन’’ कंपनी का परिसमापन / बंद कर दिया जाता है, तो भी इससे प्राप्त सकल आय केवल नॉट-फॉर-प्रॉफिट कंपनी को ही जा सकती है और कानूनी रूप से इसे शेयर धारकों/प्रबंध समिति के सदस्यों के बीच वितरित नहीं किया जा सकता है। वास्तव में, यह एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की परिसंपत्तियों/ संपत्तियों की हमेशा के लिए रक्षा करता है क्योंकि इसकी संपत्ति को कभी भी निजी व्यक्तियों द्वारा बेचा और उपयोग नहीं किया जा सकता है और यह हमेशा एक ‘‘कोई लाभ नहीं’’ की अवधारणा पर स्थापित कंपनी के पास रहेंगी। इन परिस्थितियों में किसी आपराधिक कृत्य या निजी लाभ पाने का प्रश्न ही कहां उठता है?
5 श्रीमती सोनिया गांधी, श्री राहुल गांधी और हमारे नेतृत्व का इरादा बड़ा स्पष्ट है। इरादा स्पष्ट रूप से यह सुनिश्चित करने का है कि नेशनल हेराल्ड, जो कांग्रेस पार्टी की विरासत का प्रतीक है, उसके मूल्य हमेशा जीवित रहें और हमारे आदर्शों और सिद्धांतों को व्यक्त करने में नेशनल हेराल्ड हमारी आवाज बना रहे।
6 यह सत्य की लड़ाई है। सत्य की हमेशा विजय हुई है और इस बार भी होगी। श्री राहुल गांधी और कांग्रेस नेतृत्व इस ‘अग्निपरीक्षा’ से और ओजस्वी होकर उभरेंगे।
भवदीय
जिलाध्यक्ष