विश्व जल दिवस 2022 के अवसर पर आज एसजीएसवाई प्रशिक्षण भवन सभागार में जल गुणवत्ता विषय पर कार्यशाला का हुआ आयोजन।
*∆ उप विकास आयुक्त श्री अनिलसन लकड़ा सहित अन्य के द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ*
पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल, जामताड़ा के सौजन्य से जल जीवन मिशन के तहत विश्व जल दिवस 2022 के अवसर पर जल गुणवत्ता विषय पर जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन आज दिनांक 22.03.2022 को समाहरणालय जामताड़ा स्थित एसजीएसवाई प्रशिक्षण भवन सभागार में किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ उप विकास आयुक्त श्री अनिलसन लकड़ा, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्रीमति सविता कुमारी एवं कार्यपालक अभियंता श्री राहुल प्रियदर्शी द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उप विकास आयुक्त श्री अनिलसन लकड़ा ने कहा कि पूरे ब्रह्मांड में पृथ्वी ही एक मात्र ग्रह है जिस पर जीवन जीने के लिए मूलभूत सुविधाएं विद्यमान हैं। जल के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। हम सभी के जीवन में सुबह से लेकर रात तक अनेकों क्रियाकलाप के लिए पानी की आवश्यकता होती है। लेकिन वर्तमान परिदृश्य में पूरा संसार जल संकट से जूझ रहा है और हम लोग भी इससे अछूता नहीं हैं। इसलिए जल संचयन के साथ साथ जल संरक्षण पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। आज हम पानी बचाएंगे तो ही कल हम और हमारी आने वाली पीढ़ी इसका लाभ उठा सकेगी।
जल ऐसा दुर्लभ प्राकृतिक संसाधन है, जो सिर्फ कृषि, उद्योग कार्यों के लिए नहीं बल्कि पृथ्वी पर जीवन के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है, लेकिन चिंता की बात यह है कि जल की कमी का संकट केवल हमारा देश ही नहीं बल्कि दुनिया के लगभग सभी देशों की एक विकराल समस्या बन चुका है।
उन्होंने जल गुणवत्ता को लेकर कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता और अशिक्षा के कारण लोग पानी की गुणवत्ता से समझौता कर बीमार पड़ जाते हैं। जबकि हमे यह पता होना चाहिए कि दूषित जल का सेवन करने से कई तरह की बीमारियां हो जाती है। पेयजल में एक निश्चित मात्रा से अधिक होने पर कई पदार्थ हानि पहुंचाते हैं इसलिए आवश्यकता है कि जागरूक बने एवं अपने गांव घर में में चपाकल, नल, कुंआ आदि का जल पीने योग्य है अथवा नहीं इसकी प्राथमिक जांच अपना गांव की प्रशिक्षित जल सहिया के द्वारा पानी की जांच फील्ड टेस्ट कीट के माध्यम से कराएं। उन्होंने कहा कि इसमें जलसहियाओं का महत्वपूर्ण योगदान हैं। उन्होंने अपील किया कि अपने अपने क्षेत्रों के लोगों को जल की गुणवत्ता को लेकर जागरूक करें, घर घर जाकर इसकी महत्त्वता को समझाएं। साथ ही बेहतर कल के लिए आज पानी बचाने को प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत वर्ष 2024 तक सभी घरों को नल के माध्यम से शुद्ध पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है जिस पर कार्य जारी है।
वहीं इस मौके पर कई जल सहियाओं ने भी अपने अनुभव को सभी के साथ बांटा एवं जल संचयन संरक्षण के साथ साथ जल की गुणवत्ता पर किए जा रहे कार्यों को बारीकी से बताया।
कार्यक्रम में उप विकास आयुक्त श्री अनिलसन लकड़ा ने उपस्थित सभी लोगों को पानी बचाने और विवेकपूर्ण उपयोग के शपथ लेने के साथ जल का समुचित उपयोग करने तथा पानी की हर बूंद का संचयन करने एवं कैच द रैन अभियान को बढ़ावा देने में पूरा सहयोग देने का जल शपथ भी दिलवाई। उन्होंने पानी को एक अनमोल संपदा मानने एवं अपने परिवारजनों, मित्रों, और पड़ोसियों को भी विवेकपूर्ण उपयोग करने तथा उसे व्यर्थ नहीं करने के लिए प्रेरित करने का शपथ दिलाया।
वहीं इस मौके पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली जलसहियाओ को उप विकास आयुक्त एवं अन्य पदाधिकारियों के द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
वहीं कार्यक्रम में आज हाथ धुलाई दिवस के अवसर पर जल सहियाओं ने हाथ धोने के तरीके को बताया कि किस प्रकार अपने हाथो को साफ सुथरा रख के विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचा जा सकता है।
इस मौके पर उपरोक्त के अलावा जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्रीमति सविता कुमारी, कार्यपालक अभियंता पीएचईडी श्री राहुल प्रियदर्शी, जिला समन्वयक श्री अनुज कुमार, सभी प्रखंडों के जेई, जल सहिया सहित अन्य संबंधित उपस्थित थे।