झारखण्ड ओफ्थाल्मोलॉजिकल सोसाइटी के तत्वधान में नेत्ररोग विशेषज्ञों के दो दिवसीय 19वें वार्षिक सम्मेलन का सफल आयोजन स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कार्यक्रम में शामिल होकर डॉक्टरों का बढ़ाया उत्साह
जमशेदपुर, 13 मार्च :- झारखण्ड ओफ्थाल्मोलॉजिकल सोसाइटी के तत्वधान में नेत्ररोग विशेषज्ञों के दो दिवसीय 19वें वार्षिक सम्मेलन का आयोजन गोलमुरी क्लब, जमशेदपुर में किया गया। झारखण्ड के स्वास्थ्य मंत्री श्री. बन्ना गुप्ता ने दीप प्रज्वलित कर इस अधिवेशन का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर आयोजन समिति के संयोजक डॉ विवेक केडिया, साइंटिफिक कमिटी चेयरमैन डॉ. भारती कश्यप, झोस के सेक्रेटरी डॉ. बिभूति भूषण, प्रेसिडेंट डॉ. ललित जैन, आदि उपस्थित थे। आयोजन समिति के संयोजक डॉ विवेक केडिया ने कहा कि झारखंड के लिए गर्व की बात है कि बिहार झारखंड के लगभग 300 नेत्र विशेषज्ञ इस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। कांफ्रेंस का उद्देश्य नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में आ रही नई तकनीक एवं प्रवृत्ति से अपडेट होना है।
चेयरमैन साइंटिफिक कमिटी डॉ. भारती कश्यप ने झारखण्ड ओफ्थाल्मोलॉजिकल सोसाइटी के सदस्यों के द्वारा साल भर में राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत किए गए साइंटिफिक पेपर्स एवं साइंटिफिक कमिटी के कार्यकलाप का ब्यौरा प्रस्तुत किया। डॉ. भारती कश्यप ने बताया की देश भर से आमंत्रित 12 विशिष्ट नेत्र चिकित्सक डॉ. टी.पी. लहाने, डॉ. ललित वर्मा, डॉ. हरबंश लाल, डॉ. नम्रता शर्मा, डॉ. पार्थ बिस्वास, डॉ. संतोष होनावर, डॉ. रागिनी पारेख, डॉ. प्रशांत बावनकुले, डॉ. देवेन तुली, डॉ. अमित परवाल, डॉ. आदित्य प्रधान और डॉ. राकेश शाक्या ने झारखंड के नेत्र रोग विशेषज्ञों के साथ आँखों की कॉर्निया, लेंस से लेकर रेटिना तक के तरह तरह के रोगों की पहचान एवं उपचार के नए विधियों का आदान प्रदान किया, जिससे झारखंड की जनता के नेत्र चिकित्सा में बहुत फायदा मिलेगा। गुरुकुल सेशन में बिहार – झारखंड में पहली बार मोतियाबिंद की फेको सर्जरी को जूनियर नेत्र चिकित्सकों को सिखाने के लिए फेको आई का इस्तेमाल किया गया। यह मोतियाबिंद सर्जरी सिखाने के लिए विशेष प्रकार से बनाई गई कृत्रिम आंख होती है।
सभी अतिथि वक्ताओं को मुख्य अतिथि द्वारा शाल एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।
समारोह में मुख्य अतिथि सहित मंच पर उपस्थित पदाधिकारीयों ने स्मारिका का विमोचन किया। सोसाइटी के निवर्तमान प्रेसिडेंट डॉ ललित जैन ने नव नियुक्त प्रेसिडेंट डॉ. आनंद कुमार ठाकुर का व्यक्ति परिचय दिया।
समारोह को सोसाइटी के सचिव डॉ बिभूति भूषण ने भी संबोधित किया, समारोह में झारखण्ड नेत्र सोसाइटी के पदाधिकारियों के सदस्यों द्वारा मुख्य अतिथि को सम्मानित किया गया।
तकनीकी सत्र के विवरण :
हॉल ए. के पहले तकनिकी सत्र JHOS सिम्पोजियम में डॉ. निधी गडकर कश्यप ने नेत्रप्रत्यारोपण की नई तकनीक डीसेक सर्जरी के दौरान आने वाली चुनौतियों के ऊपर अपना विडियो प्रस्तुत किया, डॉ. बी. पी. कश्यप एवं डॉ. राकेश साक्या ने मोतियाबिंद की सर्जरी के दौरान कभी-कभी आने वाली सर्जिकल समस्याओं एवं उसके समाधान का विडियो दिखाया, डॉ. बिभूति कश्यप ने आँखों के रेटिना (पर्दा) के जटिल ऑपरेशन का विडियो प्रदर्शित किया, डॉ. एस. के. मित्रा, डॉ. नितिन धीरा एवं डॉ. विवेक केडिया ने तरह-तरह के कठिन प्रकार के मोतियाबिंद के ऑपरेशन का विडियो प्रस्तुत किया, इस सत्र के अतिथि स्पीकर डॉ. प्रशांत बावनकुले ने ROP स्टेज 5 के बच्चों की सर्जरी में क्रन्तिकारी प्रगति 3 डी विज़ुअलाइज़ेशन सिस्टम के इस्तेमाल पर प्रकाश डाला।
कांफ्रेंस के हॉल ए के दुसरे सत्र में डॉ. लक्ष्मी नारायण इंटरामुरल ओराशन में डॉ. राजीव गुप्ता ने सामुदायिक नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में आने वाली नई चुनौतियों का सामना कैसे किया जाए विषय पर अपना व्यख्यान प्रस्तुत किया।
हॉल बी. के पहले सत्र डॉ. वी. एस. गुप्ता गोल्ड मैडल कॉम्पिटिटिव फ्री पेपर में डॉ अंतबा बंद्योपाध्याय, डॉ रश्मि मित्तल, डॉ राहुल महला, डॉ अनुपमा शर्मा, डॉ भानुप्रकाश मोर्री, डॉ शुभम हर्ष, डॉ रूपा एपिल, डॉ ऐश्वर्या मोहंती, डॉ शाजिया तबस्सुम, डॉ सुचित्रा ठाकुर, डॉ रघिब तौहीद, डॉ नेहा अहमदी, डॉ राहुल महला, डॉ सीमा सिंह, डॉ अर्चना सिन्हा, डॉ अभिषेक कुमार सिन्हा, डॉ तरुणी कुमारी एवं डॉ शिल्पा हेमब्रोम ने अविषय पर अपना व्यख्यान प्रस्तुत किया। विजेता रहे
हॉल बी. के दुसरे सत्र डॉ. मंजुल पंत गोल्ड मैडल कॉम्पिटिटिव फ्री विडियो सेशन मे डॉ नीरज, डॉ मलय, डॉ अर्चना, डॉ बिभूति कश्यप, डॉ निधि अपना – अपना सर्जिकल विडियो प्रस्तुत किया। इस सत्र के विजेता रहे रांची के विट्रियो रेटिना सर्जन डॉ. बिभूति कश्यप।
हॉल ए. के तीसरे सत्र मैं इस साल नया क्या कर रहा हूँ? में डॉ. पार्था बिस्वास, डॉ. रागिनी पारेख, डॉ. प्रशांत बावनकुले, डॉ. संतोष होनावर, डॉ. टी.पी. लहाने, डॉ. देवेन तुली, डॉ. अमित पोरवाल, डॉ. दीपक लकड़ा, डॉ. बिक्रमजीत पाल ने अपना – अपना व्यख्यान प्रस्तुत किया।
कांफ्रेंस के चौथे सत्र एम.एस.आई.सी.एस. सत्र में डॉ. राकेश शाक्य, डॉ. टी. पी. लहाने और डॉ रागिनी पारेख ने अपना – अपना व्यख्यान प्रस्तुत किया।
कांफ्रेंस के पांचवें सत्र द मिडास टच में डॉ. आदित्य प्रधान ने कॉर्निया के रोगों के पहचान एवं उपचार पर टिप्स दिए, डॉ. प्रशांत बावनकुले ने मेडिकल रेटिना पर टिप्स दिए, डॉ. ललित वर्मा ने सर्जिकल रेटिना पर टिप्स दिए, डॉ. हरबंश लाल ने मोतियाबिंद सर्जरी पर टिप्स दिए, डॉ देवेन तुलि ने मेडिकल ग्लूकोमा पर टिप्स दिए, डॉ अमित पोरवाल ने सर्जिकल ग्लूकोमा पर टिप्स दिए, डॉ पार्था बिस्वास ने मोतियाबिंद की सर्जरी के लिए वर्तमान समय के हिसाब से लेंस के सही चुनाब पर टिप्स दिए, डॉ संतोष होनावर ने मिनिमल एक्सेस ऑर्बिटल सर्जरी पर टिप्स दिए। कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉक्टर विभूति भूषण डॉ अजय गुप्ता डॉ जितेंद्र शर्मा ने अहम भूमिका निभाई