बेगूसराय : बेगूसराय जिले के आरसीएस कालेज मंझौल के भूगोल विभागाध्यक्ष प्रो रविकांत आनन्द के द्वारा लिखी गयी दूसरी किताब एग्रीकल्चरल जोगरफी प्रकाशित हो गयी है। इस किताब में कृषि भूगोल को भौगोलिक और स्थानीय विशेषताओं, पैटर्न, और फसल और पशु खेती की प्रक्रियाओं के अध्ययन के रूप में परिभाषित किया गया है। जैसे कि कृषि भूमि, खेत से जुड़े मानव भूगोलवेत्ता, पर्यावरणीय मुद्दे, और कृषि गतिविधियों के स्थान पर सैद्धांतिक कार्य संबंधित विषय समाहित है। प्रो आनन्द ने कहा कि किताब कृषि भूगोल पृथ्वी की सतह पर विभिन्न प्रकार की कृषि जैसे निर्वाह, वाणिज्यिक, बागवानी, विशेष आदि की बुनियादी जानकारी प्रदान करता है। कृषि भूगोल मानव और आर्थिक भूगोल का एक उप-विषय है। मानव गतिविधियों के भूगोल को ‘आर्थिक भूगोल’ कहा जाता है जो मनुष्य की प्राथमिक, माध्यमिक, तृतीयक और चतुर्धातुक गतिविधियों की जांच करता है। मानव भूगोल की सभी शाखाओं के बीच कृषि भूगोल का अध्ययन महान सामाजिक प्रासंगिकता का है। पाठ इस विविध और तेजी से महत्वपूर्ण भौगोलिक विषय के माध्यम से एक व्यापक मार्गदर्शन प्रदान करता है, जिसका उद्देश्य यह दिखाना है कि कारकों की एक विस्तृत श्रृंखला यह बताती है कि कृषि पद्धतियां एक स्थान से दूसरे स्थान पर कैसे भिन्न होती हैं। भौतिक पर्यावरण, आर्थिक व्यवहार और मांगों, संस्थागत और सामाजिक प्रभावों और पर्यावरण पर खेती के प्रभाव से निपटते हुए एक महत्वपूर्ण परिचयात्मक पाठ तैयार किया है। जो कि उल्लेखनीय विविधता की समझ तक पहुंचने के लिए सामयिक, निर्णायक और अंततः आवश्यक है। दुनिया का प्रमुख उद्योग कृषि ही है।