सरकारी आदेश की उड़ रही धज्जियां
,15 वां वित्त आयोग के अनुशंसा के तहत उपलब्ध कराई गई राशि पर लगी रोक के बावजूद कुडेदान के नाम पर हो रहा बंदरबांट
विजय भारती की रिपोर्ट
भगवानपुर (बेगूसराय) सरकारी योजनाएं लूट खसोट का अच्छा माध्यम बना हुआ है जिसपर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं दीख रहा है। इसका एक छोटा सा नमूना निम्न योजना भी है। विदित हो कि ग्रामीण विकास विभाग बिहार सरकार पटना के पत्रांक 290818 दिनांक 15सितम्बर 2020के द्वारा यह निर्देशित किया गया कि 15 वां वित्त आयोग की अनुशंसा के तहत उपलब्ध कराये गये टाइड अनुदान की राशि का उपयोग स्वच्छता एवं खुले में शौच से मुक्त के स्थायित्व कार्यों में किया जाना था लेकिन इसके विपरित पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा घोर अनियमितता बरते जाने के कारण उक्त राशि को उक्त कार्य में खर्च करने पर पुर्णत रोक लगाने के बावजूद प्रखंड क्षेत्र के तीन पंचायत को छोड़ बाकी पंचायत में डस्टबीन के नाम पर अनियमितता बरती जा रही है जिसमें कम गुणवत्ता वाले वस्तु की खरीद की जा रही है। उक्त राशि की लुटखशोट से बचाने के लिए तथा उक्त कार्यों पर अविलंब रोक लगाने के लिए प्रखंड क्षेत्र के चुरामनचक गांव निवासी मुहम्मद असरफ ने अनुमंडलाधिकारी तेघरा से लिखित आवेदन के माध्यम से गुहार लगाई है। वहीं उक्त मामले को लेकर विभिन्न पंचायतों में हो रही चर्चा को संज्ञान में लेते हुए जदयू के पूर्व प्रखंड अध्यक्ष सुनील कुमार राय ने भी इसकी जांच कराने की मांग सरकार से की है तथा दोषियों पर कार्रवाई भी सुनिश्चित करने की मांग की है। विदित हो कि पूर्व में भी डस्टबीन के नाम पर राशि की लुटखशोट की गई लेकिन शायद ही किसी पंचायत में डस्टबीन दीख रहा होगा?