लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के कोतवाली क्षेत्र में स्थित संतकुटीर आश्रम डमरुआ के महंत व पचास हजार के इनामिया बाबा सच्चिदानंद उर्फ दयानंद को मुरादाबाद से गिरफ्तार कर लिया गया है। एसटीएफ लखनऊ की मदद से पुलिस ने सफलता हासिल की है। करीब तीन साल से पुलिस को चकमा देकर फरार बाबा को बस्ती लाने के लिए टीम रवाना हो गई है। गुरुवार की सुबह तक वापस बस्ती पहुंचने की उम्मीद है। गैंगरेप समेत अन्य धाराओं में आरोपी को कोर्ट में पेश करने के साथ उसे रिमांड पर लेकर कोतवाली पुलिस पूछताछ करने की तैयारी में अभी से जुट गई है। एसटीएफ के एसएसपी हेमराज मीणा ने गिरफ्तारी की पुष्टि की है।संतकुटीर आश्रम डमरुआ बस्ती में छत्तीसगढ़ से लाई गई दो साध्वियों ने 19 दिसंबर 2018 को उस वक्त सनसनी फैला दी थी, जब आश्रम के महंत सच्चिदानंद उर्फ दयानंद और उसके सहयोगियों परमचेतानंद पुत्र अज्ञात, विश्वासानंद पुत्र अज्ञात, ज्ञान वैराज्ञानंद पुत्र अज्ञात, परमिला बाई पुत्री अज्ञात, कमला बाई पुत्री अज्ञात पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। कोतवाली पुलिस ने 26 दिसंबर 2018 को एक और साध्वी की तहरीर पर सच्चिदानंद के विरुद्ध यौन शोषण का मुकदमा दर्ज किया था। इसमें प्रमिला बाई, कमला बाई, उर्मिला बाई और ध्यान बाई को भी आरोपित बनाया गया था।इन सभी पर आरोप था कि यौन शोषण के मामले में वह महंत का सहयोग करती थी। बिहार, दिल्ली, मुंबई समेत कई राज्यों में बाबा सचिदानंद की तलाश के लिए बस्ती पुलिस के हाथ आरोपित महंत सच्चिदानंद के सहयोगी जरूर लगे, मगर सच्चिदानंद पुलिस की पकड़ से दूर रहा। इसी बीच उसकी गिरफ्तारी पर आइजी की ओर से 50 हजार रुपये का पुरस्कार घोषित किया गया। इसके बाद सच्चिदानंद की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ को भी लगाया गया था।